जयपुर। प्रदेश की राजधानी जयपुर में सोमवार को राजस्थान प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरएएस के अफसर मोहन सिंह चारण ने जयपुर के करधनी इलाके में आज सुबह ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली। उनका शव रेलवे ट्रैक पर देखकर किसी राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस को शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला है।

ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर हुई शव की पहचान
करधनी थानाप्रभारी राजेश बाफना ने बताया कि 53 वर्षीय RAS मोहन सिंह चारण गांधी नगर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात थे। वे वैशाली नगर इलाके में नेमी सागर कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। थानाप्रभारी के मुताबिक सुबह करीब 8:30 बजे कनकपुरा फाटक के पास उनका शव रेलवे ट्रैक पर मिलने की सूचना आई थी। तब घटनास्थल पर रेलवे ट्रैक के पास एक कार खड़ी मिली। इसके रजिस्ट्रेशन नंबरों और जेब में मिले ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पुलिस ने शव की पहचान कर परिजनों को सूचना दी। मौके पर एक सुसाइड नोट मिला जिसमें मोबाइल नंबर और पता लिखा हुआ था।

रोजाना की तरह मॉनिंग वॉक पर निकले
मोहन सिंह के बेटे अश्विनी ने बताया कि वे रोजाना की तरह सुबह कार लेकर मॉनिंग वॉक के लिए गए थे। मोहन सिंह चारण हमेशा खिरणी फाटक के आसपास तक मार्निंग वॉक करते थे। फिलहाल RAS मोहन सिंह के मानसिक अवसाद में होने की वजह सामने नहीं आई है। घटनास्थल पर शव देखकर पहले पुलिस का मानना था कि संभवतया रेलवे ट्रैक पार करते वक्त मोहन सिंह ट्रेन की चपेट में आ गए। जब उनकी जेब में मिले सुसाइड नोट के बाद साफ हो गया कि उन्होंने खुद ट्रेन के सामने आकर जान दी है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि सुसाइट नोट में क्या लिखा हुआ था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस महकमे में भी बढ़ रही है ऐसी घटनाएं
आपको बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ समय से पुलिस महकमे में आत्महत्या की घटनाएं ज्यादा सामने आ रही थीं। पिछले साल चूरू जिले के सादुलपुर थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने अपने सरकारी आवास पर आत्महत्या कर ली थी। बाद में यह मामला काफी तूल पकड़ गया था। इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है। उसके बाद सीएम गहलोत ने इस तरह घटनाओं पर चिंता जताई थी। अब राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की आत्महत्या की घटना ने ब्यूरोक्रेसी को झकझोर कर रख दिया है।