नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क में आने वाले पर्यटकों को निराशा हाथ लग रही है, क्योंकि अभी टाइगर सफारी नहीं हो रही है। वनकर्मियों ने सवाई माधोपुर के रणथंभौर में नेशनल टाइगर रिजर्व के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया और इसका जमकर धरना प्रदर्शन हो रहा है। मुख्य द्वार के सामने वनकर्मियों ने महापड़ाव डाल दिया है। उधर, कोटा में वनकर्मियों ने अभेड़ा जैविक उद्यान का गेट बंद कर विरोध जताया। इस दौरान कई वनकर्मियों ने अपने सिर भी मुंडवा लिए।

आंदोलन में सवाई माधोपुर समेत 7 जिलों के वनकर्मी शामिल

सवाई माधोपुर समेत 7 अन्य जिलों के वनकर्मी इस महापड़ाव में शामिल हैं। इनमें सवाई माधोपुर, जयपुर, करौली, टोंक, बारां, कोटा, बूंदी के वनकर्मी शामिल हैं। एहतियात के तौर पर एसडीएम कपिल शर्मा और डीएसपी राजेंद्र सिंह रावत भी मौके पर पहुंच गए।

पर्यटक वाहनों की एंट्री मांग पूरी नहीं होने तक बन्द

राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में महापड़ाव किया गया है। वनकर्मी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा- जब तक सरकार द्वारा उनकी 15 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जाता है और उनके प्रतिनिधिमंडल से कोई बातचीत नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। जब तक किसी भी पर्यटक वाहन को रणथंभौर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। धरने पर बैठे वनकर्मियों ने कहा कि राज्य सरकार वनकर्मियों की मांगों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है. सरकार से कई बार बातचीत के बाद भी सरकार ने वनकर्मियों से किए गए समझौते को लागू नहीं किया है। ऐसे में वनकर्मी आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर हैं.

वन कर्मियों की मुख्य मांगें

वन कर्मचारियों ने पुलिस, पटवारी और ग्राम सेवक के समकक्ष पदों के समान वेतन देने, वन विभाग में आठवीं और दसवीं पास कार्य प्रभारी वन कर्मियों को पहले की तरह आयु सीमा और योग्यता में शिथिलता देने, मैस भत्ता 2200 करने, वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी वन कर्मचारियों को सेवा नियम के दायरे में लेते हुए अन्य विभागों की तरह पदोन्नति देने, वर्दी भत्ता देने सहित 15 सूत्री मांगें पूरी करने की मांग की है।

वनकर्मियों की प्रमुख मांगें ये हैं-

वन कर्मचारियों ने पुलिस, पटवारी एवं ग्राम सेवक के समकक्ष पदों के बराबर वेतन देने, वन विभाग में आठवीं एवं दसवीं पास वन कर्मियों को आयु सीमा एवं योग्यता में शिथिलता देने, मेस भत्ता 2200 रुपये करने, वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी वन कर्मचारियों को सेवा नियमों के दायरे में रखते हुए अन्य विभागों की तरह पदोन्नति, वर्दी भत्ता देने समेत 15 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग की है।