राजस्थान देश का सबसे तेजी से प्रगति करने वाला प्रदेश हैं । प्रदेश के किसान धीरे-धीरे खेती के विकसित तरीकों को अपना रहे हैं और अब सिर्फ खेती पर ही आश्रित नही रह गये हैं। आज राजस्थान का किसान पशुपालन, डेयरी संचालन, मछली पालन, बागवानी, फलों की खेती जैसे अत्याधुनिक खेती कर रहा हैं।
मछली पालन के लिए किसानों को किया जा रहा हैं प्ररित
राजस्थान में किसानों को फार्म पौण्ड (डिग्गी) में सजावटी मछलियों के पालन के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा हैं। प्रदेश के किसानों को डिग्गी के पानी का सिंचाई के अलावा अन्य उपयोगों के बारे में भी बताया जा रहा हैं। फार्म पौण्ड (डिग्गी) में वर्षा जल संरक्षित होने से फसलों का उत्पादन व भूमि जल स्तर बढ़ने में मदद मिल रही है।
बीसलपुर बन रहा हैं मछली पालन का केंद्र
राजस्थान में अपनी तरह का पहला और देश में पहला सजावटी मछली प्रजनन के लिए उत्कृष्टता केन्द्र टोंक जिलें में बीसलपुर में बन रहा है। राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां सजावटी मछलियों का उत्कृष्टता का प्रजनन केन्द्र है। हम लोग टोंक जिलें के बीसलपुर में पांच करोड़ रुपए की लागत से सजावटी मछली प्रजनन के लिए उत्कृष्टता केन्द्र विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर बाजार में अपनी पहचान बनाई जाएगी।
75 तरह की मछलियों का होगा प्रजनन
सैनी ने बताया कि इस केन्द्र में सत्तर से पचहेत्तर तरह की अंडे देने वाली और बच्चे देने वाली सजावटी मछलियों का प्रजनन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोच्चि की यात्रा के दौरान ताजा पानी, खारा पानी में सजावटी मछलियों के प्रजनन की संभावनाओं के बारे में जाना। अपनी कोच्चि यात्रा के दौरान हमने मछली पालन से जुडे समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण सहित अन्य राष्ट्रीय संस्थानों शोध संस्थानों का भ्रमण कर विशेषज्ञो से प्रजनन की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की है।
चलन बढ़ा तो परियोजना शुरू की, अब तक 2 करोड़ खर्च
मंत्री ने कहा कि मछली पालन उभरता क्षेत्र है, होटल, मॉल्स और घरों में मछली पालन का चलन बढता जा रहा है। सभी पहलुओं को समझने के लिए हमने कोच्चि में विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कुल 5 करोड़ रुपए के परियोजना के तहत दो करोड़ रुपए बीसलपुर में मछली घर व प्रजनन केन्द्र के विकास में खर्च किये जा चुके है। इस केन्द्र के और विकास के लिए सरकार ने हाल ही में दो करोड़ रुपए और स्वीकृत किए है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित केन्द्र में सजावटी मछलियों में बच्चे देने वाली गप्पी, मोलीज, प्लेटीज, स्वार्डटेल, डेनियोस, रसबोरास, बार्बस और गोल्ड फिश शामिल है।