news of rajasthan

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चुनावी बिसात बिछने के साथ ही राजस्थान में चुनाव के निर्णायक युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से चुनावी प्रचार में जोर-शोर से जुटी है। सोशल मीडिया के जरिए तमाम दलों द्वारा खूब प्रचार किया जा रहा है। तो वहीं, फेक न्यूज़ के साथ-साथ सोशल मीडिया के जरिए फेक प्रचार भी किया जा रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग और पुलिस कमिश्नरेट द्वारा ऐसे लोगों पर पूरी नज़र रखने का दावा किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ऐसे झूठे प्रचार का समर्थन कर रहे हैं और वो भी खुलेआम। कैसे! पढ़िए इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में…

प्रदेश में 7 दिसंबर को होने वाले मतदान के लिए अब गिनती के ही दिन बचे हैं सो चुनाव प्रचार का दौर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन, प्रचार में कांग्रेस की बौखलाहट खुलकर सामने आने लगी है। इसका ताजा मामला सचिन पायलट से जुड़ा है। सचिन पायलट सोशल प्लेटफार्म के जरिए सीधे तौर पर सूबे की मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल, ‘राजस्थान का रिपोर्ट कार्ड’ नाम से एक फेसबुक पेज बनाया गया है। हमें किसी के फेसबुक पेज से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए क्योंकि इस वक्त सोशल मीडिया के जरिए सभी बड़े दल अपनी-अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। लेकिन, अगर सोशल मीडिया के माध्यम से किसी पार्टी विशेष का विरोध किया जाए और विरोध करने वाला प्रदेश की दूसरी बड़ी पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष अपने पर्सनल पेज पर उसके पेज का कंटेंट लगातार शेयर करें तो आम लोगों के लिए उसे जानना जरूरी है कि सच में क्या ऐसा ही है ?

‘राजस्थान का रिपोर्ट कार्ड’ पेज पर प्रतिदिन वीडियो और फोटो कंटेंट डाला जा रहा है। हमने इस पेज का विशलेषण किया तो पाया कि बीते 20दिन पूर्व ही 1 नंवबर को शुरू हुए इस पेज पर 60 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। जबकि इसका कंटेंट और वीडियो ऐसा नहीं कि इसकी पॉपुलेरिटी बीते 20 दिनों में इतनी हो। इस बात से एक बात तो साफ जाहिर हो गई कि इस पेज को केवल राजस्थान चुनाव में भ्रामक कंटेंट वायरल करने के लिए ही बनाया गया है।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान चुनाव 2018 के लिए इस तरह के कई फेसबुक पेज, ट्वीटर अकाउंट कांग्रेस की आईटीसेल ने बनाए हैं। जिनको आॅपरेट करने का काम बकायदा पूरी टीम बनाकर किया जा रहा है। जिसके लिए कांग्रेस पार्टी भारी भरकम पैसे खर्च कर रही है। इतना ही नहीं वाट्सअप के कई ग्रुप बनाकर इस तरह के फेक कंटेंट को वायरल किया जा रहा है।

जो सत्ता में रहता है हमेशा विरोध उसी का होता है। जो शासन में है उसे विरोध झेलना पड़ता है। लेकिन, विरोध सही और जायज़ हो तो बात अलग है। लेकिन अगर विरोध पैसे के दम पर किया गया टिकाऊ न होकर बिकाऊ हो तो उस पर कार्यवाही की जानी चाहिए। पायलट पर कोई दण्डात्मक कार्रवाई होने में भले ही देर लगे लेकिन, पायलट साहेब! सनद रहे मतदान आगामी 7 दिसंबर को होने हैं। खैर, फैसला अब जनता करेगी।