मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की प्रदेश में निकाली गई ‘राजस्थान गौरव यात्रा’ भले ही विपक्ष के मन में सूल की तरह चुभती रही लेकिन इस विजयी रथ ने साफ कर दिया कि जमीं से जुड़ा व्यक्ति ही ऐसा कर सकता है। इस यात्रा पर विपक्ष ने जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए कि आखिर यह यात्रा निकाली क्यूं जा रही है। आखिरकार मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने टोंक, टोडारायसिंह एवं देवली में आम सभा के दौरान इस बात का जवाब ठोक-बजाकर दिया है कि आखिर क्यों भाजपा की प्रदेश सरकार राजस्थान गौरव यात्रा निकाल रही है। मुख्यमंत्री राजे ने इसके 5 तर्क दिए हैं। आइए जानते हैं यह 5 तर्क …
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पहला तर्क: 50 साल में जो विकास कांग्रेस नहीं करा सकी वह हमने इन पांच सालों में करके दिखा दिया। इस काम पर हमें गर्व भी है और गौरव भी। इसीलिए हम गौरव यात्रा निकाल रहे हैं।
दूसरा तर्क: मैंने विकास में कभी पैसे की कमी को आडे़ नहीं आने दिया। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा कहते थे कि पैसा नहीं है। कैसे विकास करवाऊं। 50 साल तक कांग्रेस किसानों को बरगलाती लेकिन किसानों का एक रूपया का कर्जा माफ नहीं किया। हमने इतिहास में पहली बार किसानों का पचास हजार रूपये तक का कर्जा माफ किया। हमें इस बात का गर्व और गौरव है इसलिए गौरव यात्रा निकाल रहे हैं।
तीसरा तर्क: इतिहास में पहली बार 625 करोड़ रुपये से 125 मंदिरों और 150 करोड़ से लोक देवताओं एवं महापुरूषों के करीब 50 पैनोरमा बनाने का काम किया। हमें इस बात का गर्व और गौरव है इसलिए गौरव यात्रा निकाल रहे हैं।
चौथा तर्क: इतिहास में पहली बार भाजपा सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ ज्यादती करने पर फांसी की सजा का कानून बनाया। जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक महिलाओं को संबल देने और आत्मनिर्भर करने के लिए काम किया। हमें इस बात का गर्व और गौरव है इसलिए गौरव यात्रा निकाल रहे हैं।
पांचवा तर्क: इस बार राजस्थान की जनता इतिहास बदलेगी और भाजपा की फिर से सरकार बनाएगी, इसलिए गौरव यात्रा निकाल रहे हैं।
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