जब किसी के पास कुछ करने के लिए नहीं होता है तो वो इधर उधर मुँह ताकता है। फिर वो आलतू फालतू की बातों में ध्यान लगाने लगता है। क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग कहीं उन्हें भूल न जाये इस चक्कर में वो भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के ड्रामे करने करने लग जाते हैं। और ड्रामा करने के चक्कर में वो फिर ना घर के रहते हैं और ना ही घाट के। फिर तो लोग भी उनके मज़े लेने लग जाते हैं। यही हाल आज कांग्रेस का हो चुका है। राजनीति तो कांग्रेस की पांच साल पहले ही ख़त्म हो गयी। पहले 2013 के विधानसभा चुनावों में फिर 2014 के लोकसभा चुनावों में। उसके बाद कांग्रेस के नेताओं के पास करने के लिए कुछ नहीं बचा तो वे जनता का मनोरंजन करने लग गए। कभी ये लोग आलू से सोना बनाते हैं, कभी ये कहते हैं कि राजनीति आपके पेंट-शर्ट में है, कभी ये रात को सुबह बोलते हैं… तो कभी ये हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को मज़ा देना चाहते हैं। लेकिन अब तो इनकी लोगों का मनोरंजन करने की क्षमता भी ख़त्म हो चुकी है। इसलिए कांग्रेस के नेताओं ने आज कल नया काम पकड़ लिया है। लोगों को समाचार सुनाने का।
प्रत्येक कांग्रेस नेता के सोशल मीडिया पेज पर सिर्फ़ समाचार
जैसे जैसे राजस्थान में विधानसभा के चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं कांग्रेस के नेताओं के सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर तमाम तरह कि ख़बरें दिखाई देने लगी है। फिर चाहे वो क्रिकेट की हो, या किसी अन्य खेल की। लेकिन चलो खेलों तक तो ठीक है मगर राज्य किसी की मौत हो जाये या किसी के साथ कोई दुर्घटना हो जाये तो ये खबर भी ये लोग अपने सोशल मीडिया पेजों पर डाल रहे हैं। मतलब कुछ साल पहले एक वाक्य अस्तित्व में आया था। एक पुरानी कहावत है कि “नेकी कर और दरिया में डाल”। परन्तु जब से सोशल मीडिया अस्तित्व में आया है, तब से ये कहावत बदल कर “कुछ भी कर सोशल मीडिया पर डाल” हो गयी है। प्रदेश में बारिश हो रही है, नहीं हो रही है। कहीं कोई दुर्घटना ही गयी, कहीं कोई लड़ाई हो गयी। किसी की शादी, किसी का भात, किसी के बच्चे का मुंडन संस्कार या फिर किसी का गृह प्रवेश ये सारे समाचार आपको वहां देखने को मिल सकते हैं। जिनमे ये कांग्रेस के नेता शरीक भी होते देखे जा सकते हैं।
बेरोजगारों की भलाई क्या ये तो पेट पर लात मार रहे हैं
अपनी हर सभा में बेरोजगार और बेरोजगारी की बातें करने वाले कांग्रेस के नेता। स्वयं ही बेरोजगारों के दुश्मन बने हुए हैं। तभी तो राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए निकली गयी रीट प्रथम लेवल की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी थी, और चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति मिलने ही वाली थी। लेकिन बेरोजगारों के दुश्मन कांग्रेस वालों ने अपने लोगों से कहलवा कर इस भर्ती प्रकिया पर कोर्ट द्वारा रोक लगवा दी। क्योंकि ये लोग जानते हैं, अगर राजस्थान के युवाओं को रोजगार मिल गया तो फिर ये अपनी गुलामी किससे करवाएंगे। इसके दो कारण हो सकते हैं। या तो ये प्रदेश के युवाओं को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते या फिर ये स्वयं इतने बेरोज़गार हैं कि ये चाहते हैं कि दूसरे लोग भी बेरोजगार हो जाये। इसलिए चुनावों के मद्देनज़र आचार सहिंता लगने से पहले इन्होंने इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगवा दी है। अब फिर एक बार ये लोग शिक्षक भर्ती के नाम पर राजस्थान की जनता को भड़का सकेंगे।
कांग्रेस के नेता इस क़दर अपना राजनीतिक स्तर गिरा लेंगे। ये शायद उस वक़्त कांग्रेस की नींव रखने वाले लोगों ने भी नहीं सोचा होगा। जिस कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य पर 2.5 लाख़ करोड़ रुपये का क़र्ज़ छोड़ कर गए थे और कई सारे अधूरे कार्य जिनको भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूरा किया। इस लोगों ने विकास कार्यों के नाम सिर्फ उद्घाटन किये, शिलान्यास किये और पत्थर लगा कर उनको बीच में ही छोड़ दिया। जिनको पूरा किया है वसुंधरा राजे सरकार ने। और आज ये कांग्रेस के नेता लोगों के बीच में जा जाकर उन्हें सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं।
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लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस के नेता अपने-अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से लोगों तक ख़बरें पहुँचाने का काम कर रही है। इनकों एक समाचार कंपनी खोल लेनी चाहिए। क्योंकि सरकार में तो आने वाले हैं नहीं ये लोग तो कुछ काम धंधा तो चाहिए करने के लिए। ताकि ये लोग घर के नहीं तो घाट के तो रह पाएंगे। वैसे इनका मनोरंजन का स्टार्टअप भी कुछ ठीक नहीं चल रहा आजकल।