राजस्थान सरकार जल्द ही ‘ग्लोबल मेडी एग्रीटेक’ का आयोजन करने जा रही है। मई माह में आयोजित होने जा रहे इस आयोजन के जरिए राजस्थान में पैदा हो रही औषधीय फसलों के दवाओं में वाणिज्यिक उपयोग के प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी का कहना है कि प्रदेश में जैतून, ड्रैगन फ्रूट, चिकोरी, किनवा, ड्रमस्टिक, चियासीड और डेट पाम जैसी फसलों की पैदावार की जा रही है जो कई घातक बीमारियों को नियंत्रण करने में कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग रिसर्च के जरिए इन फसलों के औषधीय गुणों की पहचान की जा चुकी है। ये मानव जीवन के लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं।
‘ग्लोबल मेडी एग्रीटेक’ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ शामिल होंगे
बता दें, ग्लोबल मेडी एग्रीटेक में आईसीएआर और आयुष मिशन के विशेषज्ञों के साथ ही अलग-अलग स्पेशलिटी के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयुर्वेद, होम्योपैथी और एलोपैथी के डॉक्टर्स भी शामिल होंगे। कई वैज्ञानिक और फार्मास्यूटिकल कंपनियों के अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। उनकी रिसर्च रिपोर्ट्स के आधार पर इन उपजों के दवाओं और पौष्टिक आहार के तौर पर उपयोग पर चर्चा की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस सम्बन्ध में रिसर्च के लिए टीम का भी गठन किया जाना है। जानकारी के लिए बता दें राजे सरकार इससे पहले कई बार ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन कर चुकी है।
Read More: राजस्थान फेस्टीवल-2018 में दर्शकों के लिए की गई हैं ये विशेष व्यवस्थाएं
सीएम राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट है ग्लोबल मेडी एग्रीटेक मीट
कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी का कहना है कि यह आयोजन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसका मकसद आम लोगों तक न्यूट्रिशन वैल्यू पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सॉयल हैल्थ मिशन के तहत खेतों की मिट्टी की करवाई गई जांच में 38 से 65 प्रतिशत तक विभिन्न न्यूट्रिशन्स की कमी पाई गई है जो चिन्तित करने वाली है। मंत्री सैनी ने कहना है कि अब चूंकि पूरी दुनिया में हर व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहा है लिहाजा प्रकृति के ये उपहार पूरी मानव प्रजाति के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।