राजस्थान के जिन जिलों में पीने के पानी की समस्या है या किल्लत है, वहां जल्दी ही इस दिक्कत से छुटकारा मिल सकेगा। इस काम में जापान देश का साथ मिलेगा। राजस्थान के पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्रों में ‘जायका’ की ओर से पेयजल परियोजनाओं के लिए जायका ऋण की जरिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। जापान की जापान इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी (जायका) की ओर से 6 पेयजल परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देने की सैद्दांतिक सहमति मिल गई है। जायका ऋण की सहमति के बाद जलदाय विभाग की ओर से पेयजल परियोजनाओं के केन्द्र को प्रस्ताव भेजे गए हैं। जल्दी ही इन योजनाओं के प्रस्ताव जापानी सरकार को भी भेजे जाएंगे। इन पेयजल परियोजनाओं के दायरे में प्रदेश के 15 शहरों के करीब 1494 गांव-ढाणियों की 76 लाख 87 हजार से ज्यादा जनसंख्या आएगी। फिलहाल जायका ऋण जापान से वित्तीय सहायता के लिए पेयजल परियोजनाओं का प्रस्ताव भारत सरकार के आर्थिक मामलात विभाग में विचाराधीन है।
क्यूं हुई जायका ऋण की पहल
दरअसल प्रदेश के जून, 2017 में मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे ने प्रदेश की 6 पेयजल परियोजनाओं के लिए केन्द्र से विशेष बजट की मांग की थी। जयपुर, बाड़मेर और झुंझुनूं जिले में बढ़ती पेयजल समस्या को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से पेयजल योजनाएं तो स्वीकृत की जा चुकी हैं लेकिन इन पेयजल योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन का कार्य नहीं हो सका। पिछले तीन सालों से वित्तीय प्रबंधन के अभाव में परियोजनाओं की काम आगे नहीं बढ़ पाया। अब केन्द्र की ओर से इन परियोजनाओं के लिए जायका ऋण उपलब्ध कराने की सहमति देने के बाद राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को 4509 करोड़ की लागत के 6 पेयजल परियोजनाओं के प्रस्ताव भिजवाए हैं।
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