विधानसभा चुनावों के बाद अब देश में लोकसभा चुनावों की बारी है। अप्रैल-मई माह में आम चुनाव प्रस्तावित है। लोकसभा चुनाव करवाने की जिम्मेदारी प्रदेश के 83 बड़े अधिकारियों के हाथों में होगी। इसमें 40 आईएएस, 23 आईपीएस और 20 आरएएस अधिकारी शामिल है। राज्य के कार्मिक विभाग ने इन अधिकारियों के नाम भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिए हैं। दरअसल, हाल ही में निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार से चुनाव में पर्यवेक्षक लगाने के लिए अधिकारियों के नाम मांगे थे। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार के साथ चर्चा करने के बाद इन अफसरों के नाम फाइनल किए हैं। आयोग ने नई सरकार को 10 जनवरी तक अधिकारियों के नाम भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन ब्यूरोक्रेसी में हुए फेरबदल के कारण नाम भेजने में देरी हुई।
राज्य सरकार द्वारा भेजी गई सूची में इन आईएएस व आईपीएस का नाम शामिल
लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान सरकार की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई सूची में आईएएस आशुतोष एटी पेडणेकर, सुची शर्मा, कृष्ण कुणाल, पी. रमेश, रवि कुमार सुरपुर, सुबेसिंह यादव, यज्ञमित्र सिंह देव, केके पाठक, नीरज के. पवन, दुर्गा जोशी, वी. श्रवण कुमार, ओमप्रकाश, कैलाश बैरवा, अंबरीश कुमार, वीरेन्द्र सिंह बांकावत, सिद्धार्थ मल्होत्रा, कैलाश चंद मीणा, बाबूलाल मीणा और सुधीर कुमार शर्मा का नाम शामिल है। इसी तरह आईपीएस अधिकारियों में मुख्य रूप से दिनेश एमएन, सुस्मीत बिश्वास, संजय अग्रवाल, विनीता ठाकुर, विजय कुमार सिंह, रूपेन्द्र सिंह, मनीष अग्रवाल, जोस मोहन, नितिनदीप ब्लग्गन, गौरव श्रीवास्तव, डॉ विष्णुकांत, देशमुख परिस अनिल, पंकज कुमार चौधरी, रामेश्वर सिंह, शरत कविराज, विकास कुमार, दीपक कुमार, राजेश सिंह और अशोक कुमार राठौड़ का नाम लिस्ट में है।
ये आरएएस अधिकारी भी शामिल है सरकार की लिस्ट में
निर्वाचन आयोग को भेजी गई लिस्ट में शामिल आरएएस अधिकारियों में अजय सिंह राठौड़, रामावतार मीणा प्रथम, गौरव चतुर्वेदी, टीकमचंद बोहरा, पुष्पा सत्यानी, रश्मि शर्मा, राजेन्द्र कुमारी, अल्पा चौधरी, संचिता विश्नाई, मूलचंद, सुखवीर सैनी, सत्तार खान, मेघना चौधरी, रामनिवास जाट द्वितीय, जयनारायण मीणा, भागचंद भदाल, कमलराम मीणा, राकेश कुमार शर्मा, शक्ति सिंह राठौड़ और जसवंत सिंह का नाम सूची में शामिल है।
बता दें, भारत निर्वाचन आयोग इन सभी बड़े अफसरों की आगामी लोकसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों में पर्यवेक्षक के तौर पर ड्यूटी लगाएगा। इससे पहले आयोग इन अधिकारियों को दिल्ली में चुनाव के लिए प्रशिक्षण भी देगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग अधिकारी की बतौर चुनाव ड्यूटी नियुक्त पत्र राज्य के कार्मिक विभाग को भेजेगा। भारत निर्वाचन आयोग केवल विशेष परिस्थितियों में ही इन अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी नहीं लगाने का आवेदन स्वीकार करेगा।