राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के 2018 के वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ. इन्दुशेखर तत्पुरुष द्वारा गुरुवार को वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा गई। अकादमी अध्यक्ष ने घोषित पुरस्कारों की जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी का इस वर्ष का सर्वोच्च मीरा पुरस्कार जोधपुर की दीप्ति कुलश्रेष्ठ को उनके उपन्यास ‘अंधे मोड़ से आगे’ के लिए दिया जाएगा। बता दें, राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्च मीरा पुरस्कार के स्वरूप राशि 75000 रुपये, प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट कर सम्मानित किया जाता है।
काव्य कृति ‘मैं बोलूंगी’ के लिए डॉ. पद्मजा शर्मा को कविता विधा का सुधीन्द्र पुरस्कार
अकादमी का कविता विधा का सुधीन्द्र पुरस्कार डॉ. पद्मजा शर्मा, जोधपुर को उनकी काव्य कृति मैं बोलूंगी, कथा-उपन्यास विधा का डॉ. रांगेय राघव पुरस्कार हरदान हर्ष, जयपुर को उनकी कृति मीरा, नाटक विधा का देवीलाल सामर पुरस्कार रमेश खत्री, जयपुर को उनकी कृति मोको कहा ढूंढे रे बंदे, आलोचना विधा का देवराज उपाध्याय पुरस्कार लहरी राम मीणा, दिल्ली को उनकी कृति साहित्य का रंग चिंतन, विविध विधाओं का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार हरदर्शन सहगल, बीकानेर को उनकी कृति डगर डगर पर मगर तथा बाल साहित्य का शम्भूदयाल सक्सेना पुरस्कार गोविन्द भारद्वाज, अजमेर को उनकी कृति बिल्ली मौसी बड़ी सयानी पर घोषित किया गया है।
31-31 हजार रुपये नकद, प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट कर किया जाएगा सम्मानित
सुमनेश जोशी (प्रथम प्रकाशित कृति) पुरस्कार देशवर्धन सिंह, अजमेर को उनकी कृति मनन पर घोषित किया गया है। अकादमी सचिव डॉ. विनीत गोधल ने बताया कि उक्त समस्त पुरस्कार 18 मार्च, 2018 को उदयपुर में आयोजित अकादमी के वार्षिक सम्मान समारोह 2018 के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि इन सभी पुरस्कारों के लिए 31-31 हजार रुपये नकद, प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट कर सम्मानित किया जाएगा।