जयपुर। राजस्थान में सियास घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार बचाने और गिराने के बीच अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों को लेकर बगावत पर उतरे विधायकों ने जवाब दिया। मंत्रिमंडल से मंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट खेमे के बागी पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विधायक मुरारी लाल मीणा ने सीएम गहलोत से पूछा कि वे बताए, जब हम दोनों बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए थे तो कितने पैसे दिए थे? दोनों ने कहा कि नोटिस देकर डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हमारे संस्कार डरने वाले नहीं हैं। ऐसे में काफी हद तक यह भी साफ हो गया है कि अगले दो दिन में विधायक विधानसभा नहीं आएंगे।
सरकार ने अपनाया तानाशाही रवैया
मीणा ने एक वीडियो जारी कर गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा है कि आज सीएम जो करोड़ों के लेन-देन की बात कर रहे हैं वे यह बताएं कि जब हम बसपा में थे और कांग्रेस ज्वॉइन की तो हमें कितने पैसे दिए गये? सीएम इसका खुलासा करें। मीणा ने सीएम पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि पूरे राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स हावी थे। जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे थे। हमने ये बातें कैबिनेट में भी रखी थी, लेकिन हमारी मांगों पर सीएम ने ध्यान नहीं दिया। बकौल मीणा, सरकार में जो लोकतंत्र होना चाहिए वह स्थापित नहीं किया गया। तानाशाही रवैया अपनाया गया।
बसपा से कांग्रेस में आए फिर भी हमारे साथ धोखा
पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रलोभन और करोड़ों के लेनदेन की बात कही है। जबकि, हमने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है। सरकार पर नौकरशाही हावी है। जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे। कैबिनेट की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन सीएम ने ध्यान नहीं दिया। जब हम बसपा से कांग्रेस में आए, उसके बाद हमारे साथ धोखा हुआ। हमारे क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए। पिछले कार्यकाल में विपक्ष में रहते हुए भी ईमानदारी से काम किया। इस बार हम पर गलत आरोप लगाए गए।
सीएम हमारी ईमानदारी की मिसाल देते थे
विधायक मुरारीलाल मीणा ने कहा कि जब हम बसपा से कांग्रेस में आए। उसके बाद मुख्यमंत्री अपने भाषणों में हमारी ईमानदारी की मिसाल देते थे। आज भ्रष्ट कैसे हो गए? यह स्वाभिमान की लड़ाई है। हमें विधायकी की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने बढ़ी संख्या में कांग्रेस को वोट किया। हम सभी ने एक आदिवासी को राज्यसभा भेजने की मांग की थी, उस पर भी सीएम ने ध्यान नहीं दिया। सीएम को जनता जादूगर कहती है। जिस तरह से उन्होंने हम सभी पर आरोप लगाए हैं, इससे सिद्ध होता है कि वे वास्तव में जादूगर हैं। जादूगर में भ्रम फैलाने की क्षमता होती है।