जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के सियासी संकट में अब गेंद आलाकमान के पाले में है। सोनिया गांधी अशोक गहलोत गुट के कुछ नेताओं में एक्शन का फैसला ले सकती है। अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दी। इधर जयपुर में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने चुप्पी साध रखी है। पायलट दिल्ली पहुंच गए है, तो अशोक गहलोत भी आलाकमान के अगले कदम पर नजर रखे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर उनके नामांकन पर भी संशय बरकरार है।
गहलोत से नाराज हैं आलाकमान
जयपुर में रविवार रात को हुए घटनाक्रम के बाद कांग्रेस आलाकमान सीएम अशोक गहलोत से नाराज बताए जा रहे हैं। रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। लेकिन उसमें गहलोत खेमे का कोई विधायक नहीं पहुंचा। इसे पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने अनुशासनहीनता बताया है। वहीं विधायक दल की बैठक लेने आए एआईसीसी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस पर नाराजगी जताई थी। खड़गे ने सोमवार को उनसे मिलने गए सीएम अशोक गहलोत के सामने पार्टी की मजबूती के साथ-साथ अनुशासन और एकता पर जोर दिया था।
इन नेताओं पर गिर सकती है गाज
नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक को बहिष्कार करने और मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में 92 विधायकों के इस्तीफे से पार्टी आलाकमान बेहद नाराज है। बगावत के एपिसेंटर बने हुए गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल पर अब आलाकमान अनुशासनहीनता के आरोप में चाबुक चला सकता है। धारीवाल के साथ-साथ विधायकों पर भी अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई हो सकती है। जिस तरह गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावती रुख अपनाते हुए बैठक का बहिष्कार किया और विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे सौंपे हैं वह पार्टी की अनुशासनहीनता को दर्शाता है। मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खचारियावास समेत अन्य नेताओं पर गाज गिर सकती है।
मंत्री महेश जोशी ने किया ये बड़ा दावा
जोशी ने कहा कि परसों जो कुछ हुआ उसमें सीएम अशोक गहलोत का कोई लेना देना नहीं है। जोशी ने कहा कि मेरी शांति धारीवाल से कोई बात हुई थी। उनके घर हुई मीटिंग के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने दावा कि इस बारे में एक भी विधायक यह कह दे की मैंने विधायक दल की बैठक के लिए धारीवाल का घर बताया हो मैं सभी पदों से इस्तीफा देकर सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर लूंगा।
राजेन्द्र गुढा का बयान चर्चा में
सीएम की कुर्सी के लिए रविवार रात को हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद फिलहाल चुप्पी छाई हुई है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहलोत सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढा की ओर से मंत्रियों और विधायकों के बारे में दिए गए बयान पर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि उनके बयानों को सुनने में आनंद जरूर आता है। लेकिन उनकी भाषा एक मंत्री की भाषा नहीं है। किसी का मजाक उड़ाने से वो बड़े नहीं हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वे अपनी बातों में परिपक्वता लेकर आएंगे।