जयपुर। राजस्थान में बीते तीन दिन से चल रही पेट्रोल पंप हड़ताल आखिरकार शुक्रवार को स्थगित हो गई। खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और पेट्रोल पंप एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी के बीच शुक्रवार को हुई वार्ता के बाद यह इसकी घोषणा की गई। पेट्रोल पंप संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 10 दिन के लिए स्थगित की गई है। राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने 13-14 सितंबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखे। इसके बाद सरकार द्वारा कोई पहल शुरू नहीं किए जाने पर पेट्रोल पंप संचालकों ने आज यानि की 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी।
सरकार ने इन तीन मांगों पर जताई सहमति
1. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करना।
2. पेट्रोल पंप संचालकों का कमीशन बढ़ाया जाना
3. हनुमानगढ़ और गंगानगर में पेपर डिपो खोला जाना।
वैट की समीक्षा के लिए होगा कमेठी का गठन
सरकार की ओर से खाद्य आपूर्ति मंत्री खाचरियावास ने पेट्रोल पंप एसोसिएशन को वार्ता में यह आश्वसन दिया गया है कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लग रहे वैट की समीक्षा करेगी। इसके बाद इस पर कोई निर्णय किया जाएगा।
हड़ताल 10 दिन के लिए स्थगित
मंत्री ने खाचरियावास ने डीलर्स एसोसिएशन के साथ बातचीत की। इस बातचीत में सरकार ने डीलर्स एसोसिएशन से 10 दिनों का समय मांगा। सरकार ने कहा कि पेट्रोल पंप संचालकों की मांग के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाएगा, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। मंत्री द्वारा आश्वासन मिलने के बाद डीलर्स एसोसिएशन ने 10 दिनों के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित कर दी गई।
500 से ज्यादा पंप हड़तल से रहे बाहर
प्रदेश में अलवर, कोटा, जैसलमेर, चित्तौडगढ़ और जोधपुर शहर के करीब 500 से ज्यादा पंप इस हड़ताल से अलग-अलग कारणों से बाहर हो गए थे। वहीं, प्रदेश में कंपनी संचालित 60 पंप भी काम ही संचालित हो रहे थे। इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी 8-8 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की गई थी। इस दौरान प्रदेश के करीब 7 हजार पंप बंद रहे थे।
6500 पंप रहे थे बंद
राजस्थान के सभी पंपों पर पेट्रोल, डीजल व सीएनजी- एलपीजी की सप्लाई नहीं हो पाई थी। वहीं, कंपनियों की ओर से संचालित प्रदेशभर के 60 पंपों पर पेट्रोल और डीजल की बिक्री हो रही थी। इनमें जयपुर के भी 8 कोको पंप शामिल थे। हड़ताल से प्रदेश के करीब से 6500 पंप बंद रहे थे।
प्रदेश भर में रहा हड़ताल का असर
इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी 8-8 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की गई थी। इस दौरान प्रदेश के करीब 7 हजार पंप बंद रहे थे। राजस्थान के 50 में से 47 जिलों में हड़ताल का व्यापक असर देखा गया है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की पेट्रोल पंप हड़ताल का जोधपुर शहर में असर दिखाई नहीं दिया था। संभागीय अध्यक्ष गोपालसिंह रूदिया ने कहा था कि शहर के 74 पेट्रोल पंप खुले रहे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के पंप बंद रहे थे। कोटा जिले में सभी पेट्रोल पंप खुले हुए थे।
वाहन चालकों को करना पड़ा परेशानी का सामना
पेट्रोल और डीजल नहीं मिलने से कई वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा था। जयपुर नेशनल हाईवे पर एक बार के लिए कॉमर्शियल वाहनों के पहिए तक थम गए थे। मिन्नतें करने के बाद भी पेट्रोल पंप संचालक बिक्री नहीं कर रहे थे। वहीं सवाई माधोपुर में एसआर कंपनी के पंप चालू होने से वाहन चालकों की भीड़ लग गई थी। इस हड़ताल के चलते सीकर जिले के करीब 200 पेट्रोल पंप बंद रहे। पेट्रोल पंप पर बंद होने के चलते हैं आमजन को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था।
देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में
भारत में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है। राजस्थान के भी अलग-अलग जिलों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अंतर है। ऐसे में भारत में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में बिकता है। राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट पड़ोसी राज्यों से अधिक है। इस कारण पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है। ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ पंप संचालकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। श्रीगंगानगर में पेट्रोल 113.30 रुपये प्रति लीटर और डीजल 98.07 रुपये प्रति लीटर के दाम पर मिल रहा है।