जयपुर स्थित अल्बर्ट हॉल के सामने आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह की उपस्थिति में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री तथा सचिन पायलट ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर आधिकारिक रूप से राज्य की सत्ता की कमान संभाली। कर्नाटक की तर्ज पर ही कई विपक्षी नेता समारोह के साक्षी बने और साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मोदी सरकार के खिलाफ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। शपथ ग्रहण में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह व एचडी देवेगौडा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, चंद्रबाबू नायडू, शरद यादव और एचडी कुमारस्वामी सहित कई कद्दावर नेताओं ने शिरकत की।
लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का शामिल नहीं होना विपक्षी एकता को करारा झटका माना जा रहा है। तीनों राज्यों के शपथ ग्रहण समारोह में इन दिग्गजों का नहीं होना, कांग्रेस पार्टी के लिए किसी बुरे संकेत से कम नहीं है। हालांकि बसपा ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन जरूर दिया है।
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गौरतलब है कि चुनाव के दौरान भी कई बार बसपा व कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर नाराजगी देखी गई थी। यही वजह थी कि बसपा ने राजस्थान की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देखा जाए तो शपथ ग्रहण समारोह में इन नेताओं का शिरकत नहीं करना, कांग्रेस पार्टी के लिए किसी गंभीर चुनौती से कम साबित नहीं होगा।