प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा रण के लिए दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। आगामी राजस्थान चुनाव को 2019 के आम चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। हालांकि, प्रदेश के साथ ही अन्य तीन राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। तेलंगाना विधानसभा के हाल ही में भंग हो जाने पर हो सकता है कि वहां भी इन चार राज्यों के साथ चुनाव करवा दिए जाए। चुनावों की नजदीकी को देखते हुए बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने राजस्थान चुनाव प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी। सियासी समीकरणों को साधने व नाराज जातियों को राजी करने के लिहाज से समिति में हर जाति के नेता को जगह दी गई है।
बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति में इनको किया गया है शामिल
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है। वहीं, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को संयोजक, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया को सह संयोजक बनाया गया है। केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा तीनों को समिति में शामिल कर राजपूत, जाट और मेघवालों को साधने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, मंत्री अरुण चतुर्वेदी, राजेंद्र राठौड़, युनूस खान, ओंकार सिंह, केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, राज्य सभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, नारायण पंचारिया, सांसद ओम बिड़ला को सदस्य बनाया गया है।
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राजस्थान चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर व राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव को समिति में शामिल नहीं किया है। माना जा रहा है कि दोनों को प्रत्याशी चयन के लिए चुनाव समिति में शामिल किया जा सकता है। करीब 10 साल बाद वापस पार्टी में लौटे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को बतौर सदस्य शामिल कर एसटी वर्ग को साधने की कोशिश की गई है।