भाजपा लोकसभा चुनावों से पहले नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जिला स्तर पर बैठक लेकर योजना का निर्माण किया है। भाजपा के इस अभियान के तहत सभी जिला प्रभारी 22 दिसंबर से ही अपने अपने जिलों के प्रवास पर है। इसमें भाजपा में सर्वाधिक राज्यों को प्रभारी के तौर पर देखने वाले वी सतीश भी शामिल है। उन्होंने भी जिले में जाकर संगठनात्मक बैठक ली है।
राजस्थान में चुनाव परिणाम में हार के बाद भाजपा में नया जोश भरने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने जिला संगठनों को फिर ऊर्जावान बनाने के लिये योग्य और अनुभवी नेताओं को प्रभारी बनाकर जिलों के प्रवास पर भेजा है। जिसके तहत 22 से लेकर 24 दिसम्बर के बीच इन 41 जिलों में जिलेवार बैठकों का आयोजन हुआ है। भाजपाईयों में हौंसला अफजाई के लिए जिला प्रवास का कार्यक्रम तय किया गया था। जिससे कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हो सकें। बड़े नेताओं ने मंडल स्तर तक की बैठकें लेकर कार्यकर्ता को पॉजिटिव मंत्र दिया हैं जिससे लोकसभा चुनावों में पार्टी बेहतरीन परफोरमेंस दे सकें।
बीजेपी के जिला प्रवास में इन मुदृों पर रहा फोकस
- जिले की संगठनात्मक स्थिति
- राजनीतिक स्थिति
- विधानसभा चुनावों में पराजय के क्या प्रमुख कारण रहे
- लोकसभा चुनावों की तैयारी
- वैचारिक संगठन की स्थिति क्या है
- 25 दिसम्बर को बीजेपी सुशासन दिवस मनायेगी
- इसी दिन पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है
- 30 दिसम्बर को मन की बात कार्यक्रम
- मंडल औऱ शक्ति केन्द्र बैठक
- 11-12 जनवरी दिल्ली में बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन
योजना वर्ग बैठकें और जिला प्रवास की अहमियत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश ने भी जिला स्तर पर जाकर बैठक ली हैं। वे अलवर दौरे पर रहें। वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना को उदयपुर का जिम्मा सौंपा गया था। केन्द्रीय मंत्रियों को भी जिला स्तर पर प्रभारी बनाया गया है केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भरतपुर के प्रवास पर भेजा गया तो, गजेन्द्र सिंह शेखावत अजमेर जिले के प्रवास पर रहे, वहीं नागौर में मदनलाल सैनी तो जोधपुर के प्रवास पर चंद्रशेखर मौजूद रहे हैं। इतना ही नहीं राजेन्द्र राठौड़, अशोक परनामी, ओंकार सिंह लखावत, चंद्रप्रकाश जोशी, सतीश पूनिया जैसे दिग्गजों को भी जिला प्रवास का जिम्मा सौंपा गया है। जिला प्रवास के जरिये प्रमुख नेता पराजय के कारणों की रिपोर्ट भी तैयार करेंगे। जिसकी रिपोर्ट बीजेपी आलाकमान तक जाएगी।