राजस्थान में खाली हुई दो विधानसभा सीटों के लिए राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2019 की घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग ने शनिवार को खींवसर और मंडावा में उप चुनावों की तारीख घोषित कर दी है। इन दोनों सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना है। इसके साथ ही भाजपा ने चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी है।
चुनावों को लेकर BJP मुख्यालय पर शनिवार को हुई सांसदों और पदाधिकारियों की बैठक में दोनों सीटों को लेकर चर्चा की गई। इसमें तय किया गया कि रविवार के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मंडावा में और पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी खींवसर में भाजपा कार्यकर्ताओं से जिन पर ही अब राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2019 होना है। के संबंध में बैठक करेंगे।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2019 में खींवसर सीट पर सिर्फ़ रालोपा
खींवसर सीट पर गठबंधन को लेकर फिलहाल भाजपा ने कोई फैसला नहीं किया है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उन्होंने मोदी से गठबंधन किया है। इसलिए राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2019 में उनकी पार्टी का प्रत्याशी उतरेगा। अब बेनीवाल ने भाजपा संगठन को प्रस्ताव दिया है कि खींवसर सीट उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए छोड़ दी जाए। मंडावा सीट पर भाजपा अपना प्रत्याशी उतारे। क्योंकि हमारा मकसद कांग्रेस को दोनों सीटों पर हराना है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में खींवसर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल विधायक चुने गए थे। वहीं मंडावा सीट से भाजपा के नरेंद्र कुमार जीते थे। लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव में बेनीवाल नागौर सीट व नरेंद्र कुमार झुंझुनू सीट से सांसद चुने गए जिससे ये दोनों सीटें खाली हो गईं।
हम गठबंधन का सम्मान करते हैं मगर फैसला तो केंद्र करेगा
गठबंधन के सवाल पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि हम गठबंधन का सम्मान करते हैं। लेकिन गठबंधन करना है या नहीं इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। लोकसभा चुनावों में भी केंद्र ने ही गठबंधन का फैसला किया था।
राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक हैं। इनमें हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले बसपा के छह विधायक भी शामिल हैं। इसी तरह भाजपा के 72, माकपा, आरएलपी व बीटीपी के दो-दो विधायक हैं। इसके अलावा 13 विधायक निर्दलीय हैं। दो सीटें खाली हैं। जिन पर ही अब राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2019 होना है।