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Rajasthan: Jaipur district on top of the number of youth voters.

राजस्थान समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय शेष रह गया है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। नामांकन दाखिल करने की तिथि भी नजदीक आती जा रही है, ऐसे में नेताओं के दिलों की धड़कन तेज होने लगी है। इसकी वजह है, पार्टी से टिकट मिलेगा या नहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर युवा भारत के जरिए आगे बढ़ने की बात कहते नज़र आते हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी बड़ी संख्या में युवा और महिलाओं को टिकट देगी। इधर भाजपा भी इस बार कई युवा चेहरों को आगे ला सकती है। अगर ऐसा होता है तो युवा बुजुर्ग नेताओं पर भारी पड़ सकते हैं। हालांकि दोनों ही प्रमुख दलों ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है।

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File-Image: युवा मतदाता.

जयपुर जिले के 19 विधानसभा क्षेत्रों में 24.80 लाख युवा मतदाता

2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में 2.54 करोड़ युवा मतदाता नई सरकार के चयन में अहम रोल निभाएंगे, जिनकी आयु 18 से 40 साल के बीच है। वर्तमान में युवा मतदाताओं की संख्या के मामले में जयपुर जिला टॉप पर है। अकेले जयपुर जिले के 19 विधानसभा क्षेत्रों में 24.80 लाख युवा मतदाता हैं। अगर बात विधानसभा क्षेत्रों की जाए तो युवा मतदाताओं की संख्या के लिहाज से प्रदेशभर में जयपुर जिले का झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र टॉप पर हैं। यहां 1.94 लाख युवा मतदाता अपने क्षेत्र के विधायक के चुनाव में बड़ी भूमिका अदा करने को तैयार हैं। प्रदेश में इस बार कुल चार करोड़ बहत्तर लाख बीस हजार पांच सौ सत्तानवे मतदाता हैं, जिनमें से 18 से 40 आयु तक वाले मतदाताओं की संख्या 2,54,81736 हैं। इसको अगर प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो युवा मतदाता 53.96 प्रतिशत हैं।

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युवाओं को बुजुर्ग नेताओं पर तरजीह नहीं मिल पाती

युवाओं के लिए दुर्भाग्य की बात है कि कई राजनीतिक दल युवा शक्ति के दम पर सरकार बनाने की बात तो करते हैं, लेकिन टिकट देने के मामले में युवाओं को बुजुर्ग नेताओं पर तरजीह नहीं मिल पाती। यही कारण है कि टिकट न मिलने की हताशा से बड़ी संख्या में युवा नेता कुछ ओर रास्ता चुन लेते हैं। अगर बात करे प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की तो वे 75 साल पूरे कर चुके हैं। प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के अधिकांश पदाधिकारी भी 50 साल से ऊपर के हैं। वहीं, कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप रखी है। वे खुद भी 40 वर्ष से ज्यादा के है। राजस्थान कांग्रेस की जंबो कार्यकारिणी में ऐसे नेताओं की भरमार है, जिनकी आयु 50 साल से ऊपर है। यानी अभी भी युवाओं को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।