जयपुर। दीवाली के मौके पर केंद्र सरकार ने आमजनता को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कटौती की थी। इसके बाद कई राज्यों ने भी टैक्स कम किया था। इसके बावजूद कई राज्यों मेंं तेल के दाम आसमान में छाए हुए है। एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद राजस्थान इकलौता राज्य है जहां पर पेट्रोल पर टैक्स केंद्र से भी अधिक वसूला जा रहा है।
दूसरे राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल—डीजल महंगा
केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके पेट्रोल डीजल को सस्ता किया लेकिन राजस्थान में अभी भी दूसरे राज्यों से पेट्रोल डीजल महंगा है। जयपुर में पेट्रोल डीजल 111 रुपए प्रति लीटर है डीजल भी 95 प्रति लीटर है। इसी वजह से उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर परेशान नजर आए। सबकी एक ही मांग कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी का टाइम अब राजस्थान सरकार वैट घटाकर पेट्रोल डीजल को और सस्ता करे।
राजस्थान सबसे ज्यादा टैक्स
एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद अब पेट्रोल पर केंद्रीय टैक्स 27.90 रुपए प्रति लीटर रहा है। वही राजस्थान सरकार अभी भी वैट के रूप में 30.51 रुपए प्रति लीटर वसूल रही है। यानी केंद्र सरकार के टैक्स से 2.60 रुपए प्रति लीटर राजस्थान सरकार पेट्रोल पर टैक्स अधिक वसूल रही है। उसकी वजह है राजस्थान में देश में सर्वाधिक वैट का होना। राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट के रूप में टैक्स वसूला जा रहा है। इसका नतीजा यह कि पड़ोसी राज्य से राजस्थान में पेट्रोल करीब 12 रुपये प्रति लीटर महंगा है।
बीजेपी की भी वैट घटाने की मांग
बीजेपी ने भी राजस्थान की गहलोत सरकार से मांग की है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें घटाएं। हालांकि एक्साइज ड्यूटी हटाने के बाद डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार की टैक्स वसूली में ज्यादा फर्क नहीं है लेकिन राजस्थान में पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि असली मुश्किल यह है कि पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल डीजल महंगा होने से बॉर्डर जिलों में पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए लोग इन पड़ोसी राज्यों में जा रहे हैं जिससे राजस्थान में पेट्रोल पंप मालिकों को नुकसान हो रहा है।