जयपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा को जोधपुर हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद फरोख्त मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपना फैसला सुनाया है। रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा तथा बिचौलिए महेश नागर से जुड़ी याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट का फैसला आया है। जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की सिंगल बेंच ने रॉबर्ट व उनकी मां की पार्टनरशिप वाली स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी की व एक अन्य याचिका खारिज कर दी है।
रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा की बढ़ गई मुसीबतें
कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा, मौरीन वाड्रा को ईडी की गिरफ्त में लेकर पूछताछ करने और कोर्ट की ओर से इनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने की मांग को लेकर दायर अर्जी खारिज कर दी है। इसके साथ ही रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
ईडी की जांच को दी थी चुनौती
दरअसल, बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ ED सबूत एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है। सिंगल बेंच में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने ED की जांच को चुनौती दी थी। बचाव पक्ष की ओर से मुख्यतः अपनी याचिका में जो सवाल खड़े किए, उन पर यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से जवाब दिया गया।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दे कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर भूमि घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक मामला दर्ज कर रखा है जिसकी जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ी है। वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था।