जयपुर। राजस्थान गुर्जर आरक्षण मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। गुर्जर समाज और सरकार के बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार की ओर से रविवार को समाज की आरक्षण सम्बन्धी विभिन्न मांगों पर लिए गए फैसलों को गुर्जर समाज ने ठुकरा दिया है। समाज के नेताओं ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर आन्दोलन पर उतरने की चेतावनी दी है। गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र व गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा है कि सरकार एक सादे कागज में फैसले जारी कर समाज को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए कथित फैसले के जारी कागज़ में ना तो कोई नाम है, ना किसी के हस्ताक्षर हैं और ना ही कोई अधिकृत स्रोत।
सरकार खुद आंदोलन को दे रही है न्योता
बैंसला ने कहा कि सरकार के ये फैसले समाज को मान्य नहीं हैं। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि समाज अब अपने तरीके से अपना हक लेगा। यह बात समाज ‘अधिकृत तौर से’ सरकार से कह रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार खुद आंदलोन को न्योत रही है। उधर, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने भी सरकार की ओर से बताये जा रहे फैसले को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि एमबीसी आरक्षण के सम्बन्ध में जारी किये गए आंकड़े ग़लत और भ्रामक हैं। ये आंकड़े एमबीसी वर्ग को उद्वेलित करने वाले हैं। गुर्जर नेता ने इन आँकड़ों को चैलेंज करते हुए लाइव डिबेट तक करवाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इन फैसलों पर डिबेट करवाई जाए और केबिनेट सब कमेटी के मंत्री को बैठाया जाए, पता चल जायेगा सरकार की सच्चाई का।
एक सफेद कागज़ पर '#बिना_नाम, #बिना_सिग्नेचर, #बिना_अधिकृत_स्रोत' जाहिर करते हुए- समाज को #गुमराह_करने का प्रयास कर रही है सरकार।
समाज अब #अपने_तरीके से अपना हक लेगा- यह बात समाज 'अधिकृत तौर से' सरकार से कह रहा है
सरकार आंदलोन को न्योत रही है@RajCMO @1stIndiaNews @zeerajasthan_ pic.twitter.com/tAjrLm8MaD— Vijay Bainsla | विजय बैंसला (@VijaySBainsla) October 12, 2020
कैबिनेट कमेटी की अहम बैठक आज, गुर्जर नेता नहीं होंगे शामिल
गुर्जर आरक्षण की क्रियान्वयन के लिए पुनर्गठित कैबिनेट सब-कमेटी की सोमवार को सचिवालय में अहम बैठक होनी है। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित कमेटी की यह दूसरी बैठक है। इसमें सभी विभाग के अधिकारियों से गुर्जर आरक्षण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। उस पर मंथन होगा। हाल ही में हुई कमेटी की पहली बैठक में सभी विभागों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई थी। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति सोमवार की प्रस्तावित बैठक में भाग नहीं लेगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें मीटिंग में बुलाने का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं भेजा है। यह मीटिंग सरकारी स्तर पर अधिकारियों के साथ हो रही है।
गुर्जर नेताओं की ये हैं मांगें
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति सरकारी नौकरियों में एमबीसी में शामिल गुर्जरों समेत 5 जातियों को प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 फीसदी आरक्षण की पूर्णतया पालना करने की मांग कर रही है। गुर्जर नेताओं का कहना है कि भर्ती एजेंसियां समझौते की अनदेखी कर रही हैं। हालांकि, सरकार का कहना है की रीट- 2018 और नर्सिंग भर्ती- 2013 में पांच फीसदी एमबीसी आरक्षण लागू किए जाने की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती। सरकार का कहना है कि इसमें कानूनी अड़चन है। ऐसे में इन भर्तियों में 5 फीसदी आरक्षण के प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता।