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CM Raje can fill nomination on November 16 from Jhalarapatan seat.

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने हाल ही में राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों के लिए बड़ी घोषणा की थी। दरअसल, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी रथ यात्रा के दौरान शहीद सैनिकों के परिवार में से एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा की, जिसे राज्य सरकार ने अब एक आदेश जारी कर पूरा कर दिया है। सरकार ने 15 अगस्त, 1947 से 31 दिसंबर, 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के आश्रित को नौकरी देने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इससे प्रदेश के 421 शहीद सैनिकों के परिवारों में खुशियां आएगी। राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी होने के बाद पात्र शहीदों के परिवार में खुशी की लहर है।

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File-Image: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे.

सैनिक के रक्त संबंध को आश्रित मानकर दी जाएगी सरकारी नौकरी

शहीद सैनिक परिवारों द्वारा राज्य सरकार से काफी लंबे समय से नौकरी देने की मांग की जा रही थी। अब तक 1971 के बाद तथा 1999 में शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के करगिल पैकेज के तहत नौकरी देने का प्रावधान है। कारगिल पैकेज में जमीन पेट्रोल पंप के साथ साथ शहीद के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाती है। 1971 से पहले हुए कई युद्धों में राजस्थान के सैकड़ों वीर सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दिया। लेकिन उनके आश्रितों को नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं था। इसके लिए वर्तमान राजे सरकार ने नए सेवा नियम बनाकर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है।

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बता दें, मौजूदा सेवा नियमों में शहीद की पत्नी पुत्र या पुत्री को आश्रित मानकर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। 1947 से 1970 तक शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों की आयु काफी ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में इन मामलों में नौकरी देने के लिए सैनिक के रक्त संबंध नियमों को शामिल किया गया है। इसके तहत शहीद सैनिक के पुत्र का पुत्र या इससे आगे भी कोई रक्त संबंध है तो उसे आश्रित मानकर राज्य सरकार में नौकरी दी जाएगी। सरकार के इस निर्णय से खासकर शेखावाटी अंचल के शहीद सैनिक परिवारों को बड़ा फायदा मिलेगा। प्रदेश में सबसे ज्यादा शहीद सैनिक यहीं से है।