वसुंधरा राजे सरकार की साईकिल वितरण योजना से प्रदेश में शिक्षा के प्रति छात्राओं का उत्साह बढ़ा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने अजमेर में बालिकाओं को साईकिल वितरित करते हुए यह बात कही। रक्षाबंधन के अवसर पर सरकारी स्कूल की छात्राओं का मनोबल को बढाने को लेकर राज्य सरकार की महत्वपूर्ण साईकिल वितरण योजना के तहत् महिला एवं बाल विकास मंत्री भदेल ने सोमवार को अजमेर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजाकोठी, गुलाबबाडी में 150 साईकिल बालिकाओ को वितरित की। मंत्री भदेल ने कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों में शिक्षा के साथ राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने हेतु पाठ्यक्रम में कई बदलाव किए है। प्रधानमंत्री के सपने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ को पूरा करने में प्रदेश की मुख्यमंत्री पूरी तरह से जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सोच है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को स्थानीय स्तर पर ही इतना सशक्त कर दिया जाए कि स्कूली शिक्षा के लिए विद्यार्थी को बाहर नहीं जाना पड़े।
प्रदेश में मेधावी छात्राओं को नि:शुल्क लेपटॉप और स्कूटी दे रही सरकार
महिला एवं बाल विकास मंत्री भदेल ने कहा कि मेधावी छात्राओं को प्रदेश में नि:शुल्क लेपटॉप प्रदान किए जा रहे है। उन्होने बताया कि 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को देवनारायण स्कूटी योजना के तहत् स्कूटी वितरण भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि साथ ही वर्तमान में वाणिज्य, गृह विज्ञान एवं संस्कृत के नए संकाय खोले गए है। मंत्री भदेल ने बताया कि पूर्व में भी भामाशाहों के सहयोग से इस राजकीय विद्यालय को नई पहचान मिली है। भामाशाहों ने राजकीय विद्यालयों में खुले दिल से सहयोग किया। इसका परिणाम है कि यह विद्यालय निजी विद्यालयों की बराबरी में सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे है। राजकीय विद्यालयों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होने से शिक्षा के स्तर में सुधार आया है।
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मंत्री भदेल ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा संचालित मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना के अन्तर्गत स्थानीय सहयोग तथा सरकार ने मिलकर विद्यालयों के विकास के लिए लिए कार्य किया। इस अनूठी पहल में अभिभावकों एवं भामाशाहों का विद्यालय एवं विद्यालय परिवार के प्रति जुड़ाव बढ़ा है। राजकीय विद्यालयों में समाज में अपनी प्रतिष्ठा पुर्नस्थापित की है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भामाशाह विजय सिंह सैनी ने अपने पिता बोदूराम बनिष्ठया की याद में इस विद्यालय का भव्य प्रवेश द्वार 3 लाख की लागत से बनाया। साथ ही लगभग 25 लाख की लागत से विद्यालय की चारदीवारी का निर्माण किया गया। इससे बालिकाएं मैदान में आसानी से खेल सकेगी।