आरएएस अफसर बनने का ख्वाब देख रहे अभ्यर्थियों की ख्वाहिश साढ़े तीन साल बाद पूरी होने की उम्मीदें तेज हो गई हैं। उनके लिए खुशखबर है कि आयोग साक्षात्कार में चयनित 2352 अभ्यर्थियों के नाम इसी सप्ताह कार्मिक विभाग को अभिस्तावित करेगा। राजस्थान लोक सेवा आयोग के लिए अब तक के सबसे अधिक विवादों में कही जाने वाली राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2013 (प्रारंभिक) परीक्षा के अंजाम तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
आरएएस परीक्षा – 2013 रही विवादित
कार्मिक विभाग 29 विभागों के लिए विज्ञापित रिक्तियों व अभ्यर्थियों की ओर से मांगी गई प्राथमिकता के अनुरूप नियुक्ति देगा। कार्मिक विभाग को 990 पदों पर रिक्तियां करनी है। आयोग के लिए आरएएस परीक्षा – 2013 खासी विवादों वाली रही। परीक्षा के लिए आवेदन की तिथियां दो बार बढ़ाई गई। इसके बाद 26 अक्टूबर 2013 को ली गई परीक्षा के दौरान दौसा के एक परीक्षा केन्द्र में गड़बड़ी के चलते परीक्षा 19 नवम्बर 2013 को दोबारा कराई गई। जिसका परिणाम 11 जून 2014 को निकाला।
संदेहास्पद तथ्यों से आई जांच के दायरे में
नए पैटर्न से पहली बार प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कराया गया था। ऐसे में आयोग के निर्देश पर गहन विश्लेषण तत्कालीन आयोग सचिव नरेश कुमार ठकराल ने किया। जांच में एक ही परिवार के अभ्यर्थियों का चयन जैसे कुछ संदेहास्पद तथ्य सामने आए। इस पर आयोग ने कमेटी बनाई। जिसमें सदस्य आर. डी. सैनी, के. आर बागडि़या व नरेश ठकराल शामिल रहे। समिति ने जांच में परीक्षा के दोबारा आयोजन की सिफारिश की।
17 जुलाई 2014 को संपूर्ण प्री परीक्षा को कर दिया था निरस्त
तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. हबीब खान गौरान, सदस्य पी. के. दशोरा, सुरजीत लाल मीणा व सचिव नरेश ठकराल व उपसचिव भगवत सिंह राठौड़ ने मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक से की। महानिदेशक ने मामले की जांच एसओजी से करवाने के तत्काल आदेश दिए। इसके बाद हुई जांच में गिरफ्तार हुए आरोपितों ने 21 से 25 फरवरी 2014 तक आयोजित वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड-2 परीक्षा 2013 में सामूहिक नकल व प्रश्न पत्र लीक होने की कार्यवाही की संभावनाओं के चलते गिरोह का भंडाफोड़ हुआ व आरोपित गिरफ्तार हुए। उनके खिलाफ परीक्षा अधिनियम व धोखाधड़ी जैसी धाराओं में मामले दर्ज किए गए। इसमें आरएएस पर्चा भी लीक के तथ्य भी सामने आए। अंतत: 17 जुलाई 2014 को संपूर्ण प्री परीक्षा को निरस्त कर दिया गया।