राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि धार्मिक स्थल जन-जन की आस्था और विश्वास के केंद्र होते हैं। राज्य सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिनसे धार्मिक आस्था के केंद्रों को कोई नुकसान पहुंचे। राजे ने कहा कि जैन समाज को हमारी सरकार पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पदमपुरा और बरखेड़ा के अपने तीर्थों की रक्षा को लेकर जैन समाज को विचलित होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार जैन समाज की भावनाएं आहत नहीं होने देगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने निवास के प्रवेशद्वार पर मुनिश्री की अगवानी की और पाद प्रक्षालन कर वंदना की। मुनि ने राजे के सिर पर पिच्छिका रखकर उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि वे राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने के संकल्प में हमेशा सफल हों।
जैन समाज को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है: मुनि तरुण सागर
इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि तरुण सागर ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बहुत ही विनम्र हैं और वे जो कहती हैं, वही करती हैं। जैन समाज को सीएम राजे पर पूरा विश्वास है। जैन मुनि तरूण सागर ने सभी जैन समाज के लोगों से कहा कि वे अपने तीर्थ क्षेत्र को लेकर किए जाने वाले जुलूस या प्रदर्शन को वापस लें और समाज की भावना का आदर करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करें। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता पर जैन समाज की ओर से उनका आभार व्यक्त किया गया।
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अपने कड़वे प्रवचनों के जरिए जैन मुनि समाज को दे रहे हैं नई दिशा: सीएम राजे ने शुक्रवार को जैन मुनि के मुख्यमंत्री निवास पर आगमन के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि इतने बड़े संत के चरण मेरे निवास पर पड़े हैं और उनकी चरण-वंदना का सुअवसर मुझे मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीठा हर कोई बोलता है, लेकिन क्रांतिकारी मुनि तरुण सागर जी अपने कड़वे प्रवचनों के माध्यम से देश और समाज को नई दिशा दे रहे हैं। राजे ने कहा कि ईश्वरीय कृपा और संतों का मार्गदर्शन मुझे हमेशा मिला है। उन्होंने कहा कि तीर्थों पर मेरा अटूट विश्वास है और मैं हमेशा इनके आगे शीश झुकाती हूं। ऐसे में किसी भी धर्म के आस्था स्थल का अहित हम कभी नहीं सोच सकते।