मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किसान प्रतिनिधियों की राज्य सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद हुए समझौते के अनुरूप किसानों के पचास हजार तक के कर्ज मांफी की मांग के संदर्भ में लिये जाने वाले निर्णय के लिए जिस कमेटी की घोषणा की थी, उसका गठन कर दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि किसान आंदोलन समझौते के तहत राज्य सरकार ने किसानों की 11 मांगों पर सहमति जताईं थी। 50 हजार तक का कर्ज माफ भी उसमें से एक है। सरकार द्वारा गठित कमेटी का अध्यक्ष जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप को बनाया गया है। मंत्री डॉ. रामप्रताप की अध्यक्षता में गठित यह उच्च स्तरीय विशेषज्ञ एवं तकनीकी कमेटी किसानों के कर्ज माफी के लिए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट, पंजाब, केरल सहित अन्य राज्यों में अपनाई गई का राजस्थान के संदर्भ में अध्ययन, परीक्षण एवं विश्लेषण तथा सभी संबंधित पक्षकारों से विचार-विमर्श कर एक माह में अपनी रिपार्ट देगी।
11 सदस्यीय कमेटी में इनको किया गया है शामिल: इस 11 सदस्यीय कमेटी में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, सहकारिता मंत्री अजय किलक, ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह, डिस्कॉम्स चैयरमैन श्रीमत पांडे, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव कृषि नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार को सदस्य एवं प्रमुख शासन सचिव आयोजना अखिल अरोड़ा को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा समिति में अध्यक्ष की पूर्वानुमति से विशेष आमंत्रित सदस्य भी बनाये जा सकेंगे।
राज्य में पिस्ता की खेती के लिए सरकार कर रही प्रयास: राजस्थान सरकार किसानों को एक और सौगात देने जा रही है। सरकार ने प्रदेश में पिस्ता की खेती के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। टर्की से पौध नहीं मिलने की सूचना के बाद अब राज्य सरकार ने ईरान से पौध मंगवाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने पिस्ता की पौध लाने में केंद्र सरकार को सहयोग करने के लिए आग्रह किया है। ईरान से चल रही इस बातचीत के क्रम में तेहरान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्तर के वैज्ञानिक राजस्थान आएंगे। ये वैज्ञानिक यहां पौध, फसल एवं नियम व शर्तों के बारे में प्रजेंटेशन भी देंगे।
पिस्ता के अनुकूल प्रदेश की जलवायु: कृषि मंत्री सैनी ने बताया कि पिस्ता की खेती के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है। राजस्थान इस की खेती के लिए अनुकूल जगह है। राजस्थान का सर्दी और गर्मी का तापमान पिस्ता की खेती के लिए तय मापदंड़ों के अनुकूल है। पिस्ता का पौधा बारिश के मौसम के अलावा आद्रता सहन नहीं कर सकता है। इस पौधे के लिए सरकार ने बीकानेर और आबू पर्वत पर परीक्षण भी करवा लिए हैं जो सफल साबित हुए हैं। देश में पिस्ता अभी पूरी तरह से आयात होता है। राजस्थान पिस्ता की खेती के पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। देश में बढ़ती पिस्ता की मांग को देखते हुए राजस्थान में इसकी खेती शुरू होने निश्चित रूप से राज्य के किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
More Read: किसानों के लिए बनेगी बीमा कंपनी, राज्य सरकार ने शुरू की तैयारियां
दुनियाभर में सिर्फ 10 देशों में होता है पिस्ता: पिस्ता की खेती विश्व के केवल 10 देशों में की जाती है। जिसमें ईरान, टर्की और चीन में टॉप तीन देश है। ईरान में सर्वाधिक 4.73 लाख मैट्रिक टन, टर्की में 1.50 लाख मैट्रिक टन और चीन में 74 हजार टन उत्पादन होता है।