राज्य सरकार ने डांग, मगरा, मेवात और बीएडीपी क्षेत्र के गांव चरणबद्ध चिन्हित कर मॉडल विलेज प्लान तैयार करेगी। आगामी बजट में इन गांवों में उद्यान बनाएं जाएंगे औऱ सोलर लाइट और सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।
पंचायती राज विभाग ने संबंधित जिलों से 28 फरवरी तक प्रस्ताव मांगे हैं। इन क्षेत्रों में आने वाले गांवो में जनसंख्या आकड़ों को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं क प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। मॉड़ल विलेज विकसित करने के लिए प्रस्ताव से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर विभाग स्टेट मास्टर प्लान तैयार करते हुए मंजूरी देगा। मंजूर प्लान के अनुमोदित बजट को आगामी वित्तीय वर्ष की बजट घोषणा में शामिल किया जा सकता हैं।
ऐसा होगा मॉड़ल
सभी गांव में तकरीबन एक जैसे गार्डन बनाएं जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों में खेल मैदान, सुलभ शौचालय, शमशान या कब्रिस्तान में सोलर लाइट भी लगाई जाएगी। इन गांवों को मिलेन वाली बजट राशि का 15 फीसदी सरकारी परिसंपत्तियों के मेंटिनेंस और रखरखाव पर खर्च करना जरूरू होगा। सभी जिलों को प्रस्ताव 28 फरवरी तक विभाग को भेजने होंगे। बीएडीपी इलाके में बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं।
सड़कों का जाल बिछाने में राजे सरकार अव्वल
प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने के मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार ने 5 साल के लक्ष्य को 3 साल में ही हासिल कर लिया है। सुराज संकल्प पत्र में प्रदेश में 20 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण का वादा किया था, जबकि सरकार ने 3 साल में ही 22 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण कर इस लक्ष्य को पीछे छोड़ चुके हैं। आगामी 2 वर्ष में अतिरिक्त 10 हजार किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस तरह से प्रदेश में पांच सालों में 32 हज़ार किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। राजस्थान में प्रतिदिन करीब 16 किलोमीटर सड़के बनाई जा रही हैं। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने पांच साल में इससे आधी दूरी की सड़कों का भी निर्माण नही करवाया था।