लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को सक्रिय राजनीति में उतारने की जुगत में है। सीएम गहलोत के पास लोस चुनाव 2019 सबसे अच्छा मौका है, जहां वह अपने पुत्र को लॉन्च कर राजनीतिक भविष्य को पुख्ता कर सकते हैं। हालांकि इससे एक बार फिर कांग्रेस के ऊपर लगाए जा रहे परिवारवाद के आरोपों को बल मिलेगा। वंशवाद की परिपाटी को आगे ले जाते हुए सीएम गहलोत ने अपने पुत्र को चुनाव लड़ाने के लिए कमर कस ली है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में कार्यकर्ताओं के बीच विचार-विमर्श कर उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है। हाल ही कांग्रेस ने जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति भी की है।
रविवार को जालोर-सिहोरी लोस क्षेत्र में हुई बैठकों में जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जालोर से वैभव गहलोत को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग रखी। कार्यकर्ताओं का मानना है कि वैभव यहां से सबसे प्रबल दावेदार है और इससे जिले में गुटबाजी पर भी लगाम लगेगी। इसके अलावा चर्चा है कि वैभव को सवाईमाधोपुर या जोधपुर से भी चुनाव में उतारा जा सकता है। हालांकि अंतिम फैसला सीएम गहलोत पर ही निर्भर होगा। वहीं सिरोही संसदीय सीट से पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का नाम सबसे आगे चल रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही हुए विधानसभा चुनावों में रामेश्वर डूडी को हार का सामना करना पड़ा है।
बेटे को पिछला लोस चुनाव लड़ाने से सीएम गहलोत ने किया था मना
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी वैभव गहलोत को सवाईमाधोपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव सामने आया था, लेकिन सीएम गहलोत ने इंकार कर दिया था। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान गहलोत ने कहा था कि दस वर्ष से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय वैभव को अब वे चुनाव लड़ने से नहीं रोकेंगे। इससे वैभव गहलोत का इस वर्ष 2019 का लोस चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है।