प्रदेश में सहकार किसान कल्याण के तहत अब किसानों को 15 दिनों में करीब 20 लाख तक का लोन मुहैया करवाया जाएगा। सहकारिता विभाग ने ऋण आवेदन की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऋण स्वीकृत करने के लिए कार्य दिवस तय किए हैं। सहकार किसान कल्याण योजना में दिए जा रहे ऋणों पर इस वर्ष 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार वर्षा के दौरान ऋण, खाद, बीज और अन्य सहकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
सहकारिता रजिस्ट्रार कार्यालय ने समस्त प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड और प्रबंध निदेशक केंद्रीय सहकारी बैंक को लोन स्वीकृति प्रक्रिया को निर्धारित समय में ही पूरा करने को कहा गया हैं। अर्थात योजना के तहत किसान की ओर से ऋण आवेदन (पूर्ण कार्यवाही व दस्तावेज सहित) जमा करवाने के बाद यदि ऋण स्विकृति योग्य पाया जाता हैं तो अधिकतम 15 कार्यदिवस की अवधि में समस्त प्रक्रिया पूर्ण करते हुए ऋण राशि किसानों के खातों में जमा करवानी होगी।
क्या हैं किसान कल्याण योजना
सहकार साख संरचना से जुड़े ग्रामीण काश्तकारों को वित्तीय रुप से आत्म निर्भर बनाने के लिए राज्य में सहकार किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत कृषि कार्यों के लिए अधिकतम 20 लाख का लोन उपलब्ध कराने का प्रावधान हैं। मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा की थी लेकिन कुछ प्रकरणों में देरी होने के कारण विभाग ने अब समयबद्ध कार्यक्रम तय किया हैं।
किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान
सहकारकिसान कल्याण योजना में अब आवेदन पत्र के साथ ऋण के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करवाने पर अधिकतम 15 दिन में किसानों के खाते में ऋण राशि जमा करवा दी जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को कृषि कार्य के लिए अधिकतम 20 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है। समय पर ऋण जमा कराने वाले किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। किसानों को उन्नत तकनीक आधारित कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा अन्य खेती-किसानी के कार्य के लिए राज्य सरकार ने हाल ही सहकार किसान कल्याण योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को ऋण केंद्रीय सहकारी बैंक के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इन कार्यों के लिए ले सकते हैं
प्रदेश के लोग कृषि उपकरण टै्रक्टर, कल्टीवेटर, कृषि आदान व उत्पाद परिवहन, सीड, ड्रिल खरीद व रिपेयर, थ्रेसर, कुट्टी मशीन, सिंचाई के लिए पाइप लाइन, फव्वारा, लघु सिंचाई, निर्माण कार्य एवं मरम्मत, नाली मरम्मत व सुधार, पम्प रिपेयर, बागवानी विकास में बागवानी, बीज उत्पादन, मेहंदी उत्पादन, फलदार पौधे, नर्सरी विकास, कृषि भूमि की फेंसिंग, मुण्डेर का निर्माण-मरम्मत, विद्युत कनेक्शन, विद्युत लाइन मरम्मत, बिजली बिल भुगतान, डेयरी विकास में दुधारू पशु खरीद, चिकित्सा, पशु बीमा, केटल शेड निर्माण, दुग्ध प्रसंस्करण यंत्र, मुर्गी पालन, मछली पालन, ऊंटगाड़ी, बैलगाड़ी खरीद व मरम्मत के लिए ऋण ले सकते हैं।