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चुनाव जीतने से पहले राजस्थान कांग्रेस के जुमलेनुमा चुनावी घोषणाएं अब केवल आश्वासन बन गए हैं। सरकार के बाद अब उनके नुमाइंदे भी शायद आश्वासन गढ़ने में एक्सपर्ट हो गए हैं। जैसा ही कुछ देखने को मिला राजस्थान के बूंदी जिले में, जहां ठंड से दो किसानों की मौत हो गई। दोनों की मौत का कारण ठंड में खेतों की सिंचाई करना बताया जा रहा है। ऐसे में जब ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की तो एसडीएम ने दो लाख रुपए का मुआवजा देने की हामी भरी है। यहां तक तो ठीक था लेकिन 5 दिन बीतने के बाद न तो एसडीएम के आश्वासन का कुछ पता है और न ही किसी गुजारा भत्ते का। एक खास बात बता दें कि यह राज्यमंत्री अशोक चांदना का निर्वाचन क्षेत्र है। इसके बाद भी चांदना यहां इन गरीब परिवारों की कुशलक्षेम तक पूछने नहीं आए। पिछले 19 दिनों में जिले में ठंड से यह दूसरी मौत है।

दरअसल हुआ कुछ यूं कि खेराड़ क्षेत्र की खेरखटा पंचायत के मोतीपुरा गांव में गुरुवार रात मोतीपुरा निवासी उम्मेदसिंह (35) पुत्र श्रवणलाल मीणा रोज की तरह खेत पर रखवाली करने गया था। शुक्रवार सुबह वह घर पर नहीं लौटा। जब किसान का छोटा भाई खेत पर पहुंचा तो वहां उम्मेदसिंह बेसुध पड़ा था। इस पर परिजन उम्मेद को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक उम्मेदसिंह के शिवलाल (6) व कालू (3) दो बच्चे हैं। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है।

इसकी जानकारी पर बसोली थानाप्रभारी बृजमोहन मीणा ने आकर परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद मृतक के परिजनों ने 10 लाख रुपए मुआवजे की मांग करते हुए ढाई घंटे तक शव नहीं उठाया और विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद बूंदी एसडीएम दिव्यांशु शर्मा ने मौके पर पहुंच हिंडौली एसडीएम रघुनाथ खटीक ने आकर बात की और 15 दिन में राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत मुआवजा राशि 2 लाख देने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व 6 जनवरी को हाड्याखेड़ा के किसान छीतरलाल की ठंड के कारण मौत हो गई थी। वह भी खेत पर सिंचाई करने के लिए गया था।