राजस्थान सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इसमें करीब 30 लाख किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफ की फ़सली ऋण माफी योजना ऐतिहासिक है। राजे सरकार का लक्ष्य 2022 तक प्रदेश के किसानों की आय को दोगुनी करना है। इस दिशा में सरकार हर संभव कदम उठा रही है। सरकार का इस बात पर भी जोर है कि प्रदेश के किसान कृषि में हुए नवाचारों को अपनाएं जिससे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके। प्रदेश के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने किसानों से आह्वान किया है कि वे अपनी कृषि आय को बढ़ाने के लिए नवाचारों को अपनाएं और फसलों का विविधीकरण करें। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन और प्रसंस्करण सम्बंधित कार्य करके किसान न केवल आपदा से सुरक्षित रह सकते हैं बल्कि अपनी आय में भी इजाफा कर सकते हैं। कृषि मंत्री सैनी ने भीलवाड़ा के नगर परिषद् टाउन हॉल में अखिल राजस्थान राज्य कृषि पर्यवेक्षक संगठन की ओर से आयोजित मेवाड़-मारवाड़ कृषि विभागीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
किसानों को नवाचारों के बारे में बताना विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व
कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व है कि वे किसानों को नवाचारों के बारे में बताएं और फसलों के विविधीकरण के लिए प्रेरित करें। राजस्थान सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने के संकल्प को साकार करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में किसानों को आपदा राहत के तहत 7400 करोड़ रुपए की राहत राशि दी गई। मंडी में अपनी उपज बेचने आने वाले 1 करोड़ किसानों को किसान कलेवा योजना के तहत 5 रूपये में सस्ता और पौष्टिक खाना उपलब्ध कराया गया। कृषि कार्य करते वक्त दुर्घटना के शिकार हुए 1300 कृषक परिवारों को 143 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई।
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राज्य के किसान सॉयल हेल्थ कार्ड के आधार पर करें खेती
कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि कीटनाश्कों के अंधाधुंध उपयोग से जमीन की उर्वरक क्षमता कम होने के साथ खाद्यान्नों में पोषक तत्वों की कमी आई है, इसलिए किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड के आधार पर ही खेती करनी चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मसाला निर्यात प्रोत्साहन नीति और कृषि प्रसंस्करण प्रोत्साहन नीति के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री सैनी को कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा 12 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, जिस पर कृषि मंत्री ने उनकी मांगों के सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं और इनकी मांगों का प्राथमिकता से निस्तारण किया जाएगा।