जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। प्रदेश में अगले महीने 25 नवंबर को मतदान किया जाएगा। वर्तमान में सूबे में कांग्रेस की सरकार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहली लिस्ट जारी कर 41 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा राज्य में कमल खिलाने की कोशिश में जुटी हुई है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने इस चुनाव में बगैर किसी मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरने का ऐलान किया है। हालांकि राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पार्टी के सामने सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी ठोंक चुकी हैं। एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने सर्वे किया है। इसमें राजस्थान के लोगों से पूछा गया कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस न घोषित करने से क्या भाजपा को फायदा मिलेगा या इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
वसुंधरा को सीएम फेस घोषित न करना- नुकसान या फायदा
एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित नहीं करने से बीजेपी को कितना नुकसान होगा। राज्य के 42 परसेंट लोगों ने कहा कि इससे भाजपा को फायदा होगा। वहीं 43 परसेंट लोगों ने कहा कि इससे नुकसान हो सकता है। यानी फायदा और नुकसान के बीच केवल एक फीसदी का फासला है। वहीं सर्वे में लोगों ने कहा कि पार्टी के इस फैसले से आगामी चुनाव में भी असर नजर आएगा।
भाजपा की पहली लिस्ट जारी, कांग्रेस की कब बारी
भाजपा ने राज्य में पहली लिस्ट जारी कर दी है। चुनावी समर में अब तक 41 कैंडिडेट को उतारा गया है। हालांकि कांग्रेस ने अब तक एक भी लिस्ट जारी नहीं की है। वहीं रविवार को कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। सीएम अशोक गहलोत 18 अक्टूबर तक राज्य में पहली लिस्ट जारी करने का संकेत दिए हैं।
वसुंधरा राजे बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा
आपको बता दें कि वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान बीजेपी का बड़ा चेहरा है। राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। पूर्वी सीएम झालावाड़ की झालरापाटन सीट से विधायक हैं। राजे की जमीन स्तर पर अच्छी पकड़ है। प्रदेश में बहुत कुछ दिनों से वसुंधरा राजे एक बार फिर से मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करनी मांग उठ रही है। पूर्व सीएम के समर्थक और प्रदेश की जनता का कहना है कि यदि राजे का कमान नहीं दी गई तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पार्टी दे सकती राजे को बड़ी जिम्मेदारी
सियासी हल्कों में खबरें हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बीजेपी बड़ी जिम्मेदारी देते हुए सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सरदारपुरा से चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि अभी ये सिर्फ कयास है। पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में राजे को फिलहाल टिकट नहीं दिया गया है।
पहली सूची के बागी बिगाड़ सकते हैं खेल
नारायण पंचारिया समेत तमाम भाजपा नेता 41 सीटों के प्रत्याशियों को लेकर जितना उत्साहित हैं, उनके लिए उससे अधिक चिंता चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे भाजपा नेता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन 41 सीटों में से 39 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे सूत्र का कहना है कि इस बार 39 में से दो दर्जन से अधिक सीटों पर हमारे प्रत्याशियों के जीतने की संभावना बन सकती थी।
बढ़ सकती है बागियों की संख्या
भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने राजस्थान में पिछले पांच साल से दुविधा को बढ़ावा दिया। जिनके टिकट कट रहे हैं, उन्हें लेकर अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। वसुंधरा राजे के बारे में पूछने पर सूत्र का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री को समय आने पर सबकुछ ठीक हो जाने का भरोसा था। बताते हैं अभी 159 प्रत्याशियों की सूची आनी है। लेकिन, अगर इसी तरह से प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया चली तो बागियों की संख्या बढ़ सकती है।