किसानों को बड़ी राहत देने के लिए प्रदेश में आज गुरुवार से जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के 9 जिलों में ऋण माफी एवं रहन मुक्ति प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम की शुरूआत होने जा रही है। राज्य के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 9 अगस्त को घोषणा की पालना में जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के 9 जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, पाली एवं बारां के पात्र सीमान्त एवं लघु किसानों को 4 अक्टूबर से ऋण माफी एवं रहन मुक्ति प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री राजे ने अपनी राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान उदयपुर संभाग में यह घोषणा की थी।
12 हजार से अधिक किसानों का 82 करोड़ का कृषि ऋण माफ होगा
सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के पात्र किसानों को शिविरों के माध्यम से प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे। शिविर केन्द्रीय सहकारी बैंक की संबंधित शाखा पर आयोजित होंगे। उन्होंने बताया कि शिविरों के माध्यम से कृषि ऋण लेने वाले सीमान्त एवं लघु किसानों के अवधिपारों खातों में बकाया समस्त मूलधन, ब्याज एवं शास्ति को पूर्णतया माफ कर ऋण माफी एवं रहन मुक्ति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। मंत्री किलक ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा से इन जिलों के 12 हजार से अधिक किसानों का लगभग 82 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ होगा, जिसमें से प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक से जुड़े 8 हजार 900 से अधिक किसानों का तथा केन्द्रीय सहकारी बैंक से जुड़े 3 हजार 400 से अधिक किसानों का लगभग 82 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ होगा।
जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के किसानों को मिलेगा 60 हजार बीघा भूमि का हक
सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के किसान कई कारणों से कृषि ऋण नहीं चुका पा रहे थे, ऐसे में उनके खाते अवधिपार की श्रेणी में आ गये थे। ऐसे किसानों की लगभग 60 हजार बीघा जमीन बैंकों के पक्ष में गिरवी रखी हुई थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस ऐतिहासिक निर्णय से जहां एक ओर ऐसे किसानों के ऋण माफ होने से राहत मिलेगी वही दूसरी ओर बैंकों के पक्ष में रहन रखी भूमि भी किसानों को पुनः मिल सकेगी।
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रजिस्ट्रार, सहकारिता नीरज के पवन ने बताया कि मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता के द्वारा संबंधित जिला कलक्टरों को योजना के क्रियान्वयन के बारे में पूर्व में ही दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि व्यक्तिश सभी 9 जिला कलक्टरों को दूरभाष पर योजना के क्रियान्वयन को लेकर अवगत करा दिया गया है तथा सहकारिता से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस बारे में निर्देशित किया जा चुका है। पवन ने बताया कि जो किसान स्थाई रूप से पलायन कर चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है ऐसे पात्र किसान के पास आधार नंबर, भामाशाह नंबर एवं मोबाईल नंबर का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि ऐसे किसान के पास ये दस्तावेज नहीं है तो उनके द्वारा आधार कार्ड/भामाशाह कार्ड को बनवाने के लिए जारी आईडी नंबर प्रस्तुत करने पर ऋणमाफी एवं रहन मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा।