राजस्थान लोकसभा चुनाव
File-Image: बीजेपी राजस्थान.

देश में 17वीं लोकसभा के लिए अप्रैल-मई माह में आम चुनाव प्रस्तावित है। इस चुनाव में जीतने के लिए देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति के तहत जुटी हुई है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार जहां एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए तैयारी में हैं, वहीं कांग्रेस केन्द्रीय सत्ता में वापसी करने के लिए लालायित है। कांग्रेस ने बीजेपी को हराने के लिए कई दलों को गठबंधन में शामिल कर लिया है। इसके बावजूद नरेन्द्र मोदी को चुनौती देना आसान नज़र नहीं आता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शर्मनाक प्रदर्शन किया था। एक समय देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस गत आम चुनाव में मात्र 44 सीटों पर सिमट गई थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां लोकसभा की 25 सीटों पर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस जीरो पर लुढ़क गई। यह कांग्रेस का अब तक के इतिहास का सबसे बेकार प्रदर्शन रहा।

2014 में सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी बीजेपी ने

भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी। प्रदेश में नरेन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी ने इस चुनाव में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। पार्टी के फिलहाल राजस्थान में 23 सांसद है। इनमें से 15 पहली बार बने सांसद हैं। इनमें जयपुर शहर, ग्रामीण, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ, चूरू, झुंझुनू, जोधपुर, करौली-धौलपुर, कोटा बूंदी, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक-सवाई माधोपुर और उदयपुर सांसद शामिल हैं। जबकि बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, गंगानगर, जालौर, झालावाड़-बारां और जालौर में एक से ज्यादा बार सांसद रह चुके हैं। इस चुनाव में पार्टी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों को 8 क्लस्टर्स में बांट दिया है और संगठन के पदाधिकारी को यहां बैठकें लेकर दावेदारों से बातचीत कर रहे हैं।

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8 सांसदों के काटे जा सकते हैं इस बार टिकट

अगामी लोकसभा चुनावों में इस बार पार्टी कम से कम 8 सांसदों के टिकट काट सकती है। जयपुर शहर, कोटा, टोंक-सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, करौली-धौलपुर, सीकर, भरतपुर में पार्टी विधानसभा चुनावों में पार्टी को हार मिली है। इसका असर यहां के टिकटों पर भी पड़ेगा। विधानसभा चुनावों में जयपुर शहर संसदीय क्षेत्र में भाजपा 8 में से 5 सीटें हार गईं। बाड़मेर में भी पार्टी 7 में छह सीटें हारी हैं। दौसा सांसद भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं यहां भी पार्टी नया चेहरा उतारेगी। करौली-धौलपुर सीट पर भी टिकट बदल सकता है।