मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने किसानों का दर्द और कर्ज तले दबे होने की मजबूरी को समझते हुए प्रदेशभर में राजस्थान फसली ऋणमाफी योजना चला रखी है। इस योजना के तहत हर जिले में आयोजित शिविरों में किसानों के बैंकों या ग्राम सेवा सहकारी समिति से लिए हुए 50 हजार रूपए तक के कर्ज से मुक्ति दी जा रही है। ऋणमाफी की यह योजना एक ऐतिहासिक योजना है और प्रदेशभर में सफलता व किसानों की दुआओं की कहानी गढ़ रही है। ऐसी ही एक कहानी है पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दूदोड़ गांव में खेती-बाड़ी कर आजीविका चलाने वाले बुजुर्ग दंपत्ति गंगाराम व गंगाबाई की, जिनके लिए राज्य सरकार की राजस्थान फसली ऋण माफी योजना वरदान बनकर आई है।
दरअसल इस बुजुर्ग दंपत्ति ने ग्राम सेवा सहकारी समिति से 70 हजार रुपए का फसली ऋण लिया हुआ है। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और किसी तरह खेती-बाड़ी कर वह और उसकी पत्नी गुजारा चलाते हैं। उनके इकलौते बेटे की दो वर्ष पहले बीमारी से मौत हो चुकी है और खेती के अलावा दूसरा कोई जीने का सहारा नहीं है। ऐसे में यह कर्ज चुकाना उनकी परेशानी का सबसे बड़ा सबब बन गया था। लेकिन वसुन्धरा सरकार की ऐतिहासिक योजना से 50 हजार रूपए की ऋणमाफी ने उनकी सारी चिंताएं दूर कर दी है।
ऋणमाफी प्रमाणपत्र लेने के बाद के खुशी से भरी आंखों और भावुक स्वर में गंगाराम की पत्नी गंगाबाई कृतज्ञता भरे स्वर में बताते हैं कि दोनों पति-पत्नी को राज्य सरकार की ओर से पेंशन मिल रही है। खेती की आय और इस पेंशन के सहारे वे दोनों अपना गुजारा किसी तरह चला रहे हैं। ऋण माफी ने उनकी एक बड़ी चिंता का समाधान कर दिया है। अब वह और उसकी पत्नी राज्य सरकार का धन्यवाद करते नहीं थकते।
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