कांग्रेस के नेताओं के रोज़-रोज़ आते झूठे बयानों के बीच आज ये भी साबित हो गया कि अगर बात राजनीति और निजी स्वार्थ की हो तो कांग्रेस के नेता दोनों किसी भी हद तक गिर सकते हैं। तभी तो आज चुनावी माहौल में कांग्रेसी ये तक भूल चुके हैं, कि वीर सपूतों की जन्मभूमि कहलाने वाली राजस्थान की धरा पर ना केवल अच्छे और सच्चे भूमि पुत्रों ने जन्म लिया बल्कि यहाँ पर लोगों ने कई ऐसी वस्तुओं का निर्माण और उत्पादन भी किया है, जो राजस्थान और हिंदुस्तान के साथ-साथ पूरे विश्व में भी प्रसिद्ध हैं। लेकिन इन्होंने सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध साधने के लिए पूरे राजस्थान अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
राजस्थान में आदिकाल से ही बड़े पैमाने कला और कारीगरी का उपयोग कपड़ों के उत्पादन में किया जाता रहा है जिनमे राजस्थान का बगरू प्रिंट सबसे प्रसिद्ध कारीगरी मानी जाती है। कपडों के मामले में भीलवाड़ा अपनी अलग पहचान रखता है तो राजधानी जयपुर में भी कपड़ों के उत्पादन से लेकर रंगाई, छपाई और सिलाई के बड़े-बड़े कारखाने स्थित है। जहाँ से तैयार माल सम्पूर्ण विश्व में निर्यात किया जाता है। राजस्थान में स्वर्ण, रजत, कुंदन और मीना के रत्न आभूषणों की कारीगरी भी बहुत समय पहले से ही होती आ रही है जो विश्वभर में काफी लोकप्रिय है। यहाँ के गलीचा, धातु की वस्तुओं पर कारीगरी, मिट्टी के बरतन, कठपुतलियां, कपड़ों की कारीगरी पूरी दुनिया में ख्याती प्राप्त हैं। ये तो राजस्थान की सांस्कृतिक वस्तुएं हैं जो ना केवल मेड इन राजस्थान हैं, बल्कि ये राजस्थान की पहचान भी हैं।
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हिंदुस्तान में औधौगिक क्रांति के बाद राजस्थान में औधोगिकीकरण के को बढ़ावा मिला तो मशीनों का निर्माण भी राजस्थान में होने लगा। हिन्दुस्तान की हर बड़ी कंपनी ने राजस्थान में अपने कारखाने लगाए और बड़े स्तर पर मशीनरी का उत्पादन भी राजस्थान में होने लगा। राजस्थान में कई मशीनों का उत्पादन होता हैं, जिनमें सुई धागा से लेकर रोबोट तक बनाये जाते हैं। राजस्थान का ऑटोमोबाइल हब कहले वाले अलवर में मारुती, टाटा, महिंद्रा, हीरो, हौंडा, सुज़ुकी अशोक लीलेण्ड, बजाज जैसी कंपनियों के ऑटो पार्ट का उत्पादन किया जाता है। चित्तोड़गढ़ में सीमेंट का निर्माण किया जाता है। अजमेर में मार्बल का निर्माण किया जाता है। जयपुर में जेसीबी का निर्माण किया जाता है।
इसके अलावा राजस्थान के सभी जिलों में कुछ ना कुछ वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। जिनमे लकड़ी की वस्तु, कपडे, खिलौने, बर्तन, मोबाइल, खाने-पीने की वस्तुएं, मोटर-गाड़ियों के इंजन के आलावा यहां कई ऐसी वस्तुएं भी हैं, जिनका आविष्कार ही राजस्थान में हुआ है। और ये सब वस्तुएं हमारे लिए केवल इसलिए अहमियत नहीं रखती की ये मेड इन राजस्थान हैं, बल्कि इसलिए भी हमें इन पर गर्व है क्योंकि राजस्थान की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन वस्तुओं के निर्माण की वजह से रोजगार पाता है।
राजस्थान में विश्व प्रसिद्ध ओलिटिया चाय का निर्माण और उत्पादन किया जाता है। जैतून की पत्तियों से बनने वाली विशेष प्रकार की चाय है। जो विश्व की इकलौती अपने तरीके की चाय है जिसके सेवन से मनुष्य का दिल और दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं। लेकिन लगता हैं कांग्रेस वालों ने ना तो कभी ओलिटिया चाय पी है और ना ही कभी इसके बारे में सुना है। क्योंकि अगर एक बार भी पी लेते तो इनका दिमाग इतना बीमार नहीं रहता की ये अपने ही राजस्थान के बारे में ऐसी पिछड़ी बातें नहीं करते। और वैसे भी ये मेड इन राजस्थान की बात करने कांग्रेस के दो नेता तो खुद ही मेड इन राजस्थान नहीं हैं। राहुल गांधी मेड इन दिल्ली और सचिन पायलट मेड इन सहारनपुर! और दोनों का दिमाग मेड इन अमेठी!