राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश के किसानों की सदैव हितैषी रही है। यही वजह है कि सीएम राजे ने रविवार को सीकर और अलवर सहित प्रदेश के कुछ जिलों में हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान पर चिंता जाहिर करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल स्पेशल सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और प्रभावित जिलों के कलक्टर को निर्देशित किया है कि रबी की फसल को ओलावृष्टि एवं बारिश से हुए नुकसान का सही आकलन करें और रिपोर्ट अतिशीघ्र राज्य सरकार को भेजें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए हमेशा की प्रतिबद्ध है और उनको किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आने दी जाएगी।
प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए पूरी तरह संवेदनशील: मंत्री गुलाबचंद कटारिया
राज्य के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए सीएम राजे राजे द्वारा तत्काल स्पेशल गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं। मंत्री कटारिया ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि रविवार को हुई ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान के आकलन के लिए स्पेशल गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं, ताकि जल्द से जल्द किसानों को सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने सदन में आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को राहत देने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
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मुख्यमंत्री राजे का वर्ष 2018-19 बजट पूरी तरह प्रदेश के किसानों को रहा समर्पित
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में फरवरी माह की 12 तारीख को वर्ष 2018-19 के लिए राजस्थान बजट घोषित किया था। इस बजट की सबसे खास बात यह रही कि सीएम राजे ने प्रदेश के किसानों पर विशेष ध्यान देते हुए बजट पूरी तरह से किसानों के हित में समर्पित किया। सीएम राजे ने इस वित्त वर्ष में प्रदेश के किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं सहित कई बड़ी घोषणाएं की हैं। प्रति किसान 50 हजार रूपये तक की कर्ज माफी की घोषणा भी शामिल है। इससे प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा वर्तमान सरकार ने अलग-अलग मदों में किसानों को कुल 38 हजार करोड़ का अनुदान दिया है। कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में 8 हजार 226.43 करोड़ का प्रावधान इस बजट में किया गया है, जो वर्ष 2012-13 के 3 हजार 50 करोड़ की तुलना में करीब तीन गुना है। वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों के लिए विद्युत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।