जयपुर। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों से सकते में आई कांग्रेस में सियाली उथल-पुथल के बीच इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। सबसे पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। वहीं अब राजस्थान में पार्टी की करारी हार से व्यथित गहलोत सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है, जिसके बाद अब प्रदेश की राजनीति में घमासान मच गया है।
राजनीतिक पंडित कयास लगा रहे हैं कि कटारिया के बाद अब अन्य मंत्रियों पर भी इस्तीफा देने का दबाव पड़ सकता है। कटारिया ने अपने बूथ और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को सर्वाधिक 1 लाख वोटो के अंतर से हार मिलने के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेकर सीएम अशोक गहलोत के माध्यम से राज्यपाल कल्याण सिंह को इस्तीफा भिजवाया है।
कटारिया ने राजस्थान में सत्ता में रहने के बावजूद भी पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेकर अपनी हार कबूल की है। कटारिया ने कहा है कि ये उनका निजी फैसला है और वो जनता की आवाज को विधानसभा में जरूर उठाते रहेंगे। गौरतलब है कि साल 2014 की तरह 2019 में भी कांग्रेस को 25 में से एक भी सीट नहीं मिल पाई, जबकि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की लगातार दूसरी करारी हार के बाद नेताओं व कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल व्याप्त हो गया है। किसी भी राजनेता ने पहले ये अनुमान नहीं लगाया था कि कांग्रेस को वर्ष 2014 से भी ज्यादा बुरी हार मिलेगी।