भारत निर्वाचन आयोग राजस्थान में अगले सप्ताह होने जा रहे उपचुनाव को लेकर सख्त नज़र आ रहा है। दरअसल, निर्वाचन आयोग ने अलवर, अजमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एवं मांडलगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 29 जनवरी को होने वाले उपचुनाव क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता की पालना सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने उपचुनावों के लिए होने वाले मतदान से एक सप्ताह पहले निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, पुरानी परंपरा चुनावों में प्रत्याशी आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते रहे हैं। आने वाले दिनों में यह भी पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग की सख्ती का इस बार कितना पालन किया जाता है।
निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव समाप्ति तक सरकारी दौरा नहीं कर सकेंगे मंत्री
भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि मंत्रीगण तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव समाप्ति तक सरकारी दौरे पर नही जाएं एवं न ही दौरे के दौरान सरकारी वाहन का उपयोग करें। आयोग ने कहा कि केवल ऐसी स्थिति में जहां कानून व्यवस्था बिगड़ जाने पर या किसी आपात स्थिति के कारण सबंधित विभाग के मंत्री की उपस्थिति आवश्यक है, वहां उक्त प्रतिबंध लागू नही होगा। लेकिन, इसकी सूचना विभाग के शासन सचिव द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को भेजनी होगी। दौरे के दौरान यदि कोई मंत्री अपने निजी वाहन का प्रयोग करता है तो सायरन आदि का प्रयोग नहीं करे।
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निर्वाचन से जुड़े सरकारी अधिकारी मंत्री के स्वागत या प्रोटोकॉल में नहीं जा सकेंगे
निर्वाचन आयोग ने कहा कि मंत्रीगण चुनाव से सबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में दौरे पर रहे तो चुनाव से सबंधित अधिकारियों को नहीं बुलाएं। साथ ही वहां स्थित विश्राम गृह, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों का उपयोग नही करें तथा न ही चुनाव से सबंधित कोई बैठक आयोजित करें। निर्वाचन से जुड़े सरकारी अधिकारी मंत्रीगण के दौरे के समय उनके किसी स्वागत में या प्रोटोकॉल में भी नहीं जाए। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि सरकारी विश्राम गृहों, डाक बगलों या अन्य सरकारी आवासों को निष्पक्ष तरीके से अन्य दलों या अभ्यार्थियों को भी उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन वे भी उनका चुनाव से सबंधित कार्य में इस्तेमाल नहीं करेंगे। इनके अलावा आयोग ने उपचुनाव के लिए किसी भी तरह के एग्जिट पोल के परिणाम के प्रसार पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया है।