जयपुर। प्रदेश के उदयपुर जिले की वल्लभनगर और प्रतापगढ़ की धरियावद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आज मंगलवार को घोषित हो गए है। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस लगातार अपनी बढ़त बनाए हुए नजर आई। वहीं बीजेपी लगातार पीछे ही जाती दिखी। इससे बीजेपी खेमे में मायूसी और कांग्रेस में हर्ष की लहर है। धरियावद विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबर्दस्त शिकस्त देते हुये अपनी जीत दर्ज करा दी है। कांग्रेस प्रत्याशी नगराज मीणा ने यहां 18000 से ज्यादा मतों से उपचुनाव जीता है। कांग्रेस ने यह सीट बीजेपी से छीनी है। दूसरे नंबर पर भारतीय ट्राइबल पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार थावरचंद रहे हैं। यहां बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा है। वल्लभनगर सीट की बात करें तो यहां भी कांग्रेस ने अपना कब्जा कर लिया है। कांग्रेस की प्रीति शक्तावत अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। प्रीति की बढ़त का अंतर 7988 वोट है। यहां आरएलपी के उदयलाल डांगी दूसरे नंबर पर बने रहे हैं। भाजपा यहां भी मुकाबले में कहीं नजर नहीं आई।
हार के लिए सतीश पूनिया जिम्मेदार
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सतीश पूनिया के खराब नेतृत्व से पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। इस चुनाव परिणम में पार्टी की छवि धूमिल हुई है, साथ ही कार्यकर्ताओं में भी काफी निराशा और हताशा है। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पूनिया के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इन चुनावों में बीजेपी की बुरी तरह हार हुई है। इस हार के लिए सतीश पूनिया और उनका नेतृत्व जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा को राजस्थान में विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। यही कारण है कि कांग्रेस को फायदा मिला।
वसुंधरा राजे की कमी खली
बीजेपी की हार का दूसरा बड़ा कारण यह है कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनाव के दौरान याद नहीं करना। चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे ने प्रचार प्रसार नहीं किया। इस वजह से पार्टी को हार का मुंह देखना। बता दें कि वसुंधरा राजे जमीन से जुड़ी हुई नेता है। प्रदेश की जनता से उनका काफी लगाव है। ऐसे में राजे द्वारा चुनाव में प्रचार नहीं करने के कारण पार्टी कि आज ऐसी हालत हुई है। बीजेपी को राजस्थान चुनाव में लगातार एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। उपचुनाव और पंचायती चुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी को वसुंधरा राजे की कमी खल रही है। वहीं, कार्यकर्ताओं में चुनावों में उनकी अनुपस्थिति को लेकर काफी निराशा है। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद एक बार फिर कार्यकर्ता वसुंधरा राजे को आगे आने के लिए कह रहे हैं।