प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों बड़े राजनीतिक दल तैयारियों में जुट चुके हैं। जहाँ कांग्रेस ने अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है, सीएम गहलोत और अन्य कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी के पक्ष में लहर बनाने के लिए जगह- जगह चुनावी सभा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा वापस 2014 की 25 की 25 सीटें जीतना चाहती है, जिसके लिए वो अभी टिकट वितरण को लेकर मंथन कर रही है कि वर्तमान सांसदों पर दांव खेला जाये या नए चेहरों को मौका दिया जाये। प्रदेश भाजपा के लिए ये लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद जीत के साथ वापसी करने के लिए ये एक अच्छा मौक़ा है।
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में जब मोदी लहर का जादू पूरे देशभर में था तब राजस्थान की सभी सीटें भाजपा के पाले में आयी थी। वोट शेयर में भी 25 फ़ीसदी का बड़ा अंतर था, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल चुकी है। भाजपा के लिए इस बार का आम चुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा 25 में से 10 सीटों पर नए चेहरे उतार सकती है। टिकट वितरण को लेकर भाजपा में मंथन जारी है। हाल ही में प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर दोनों के बीच चर्चा भी हुई है। चर्चा में मुख्य ज़ोर कमज़ोर सीटों पर रहा, जावड़ेकर ने कमज़ोर सीटों पर मज़बूत दावेदार तलाशने और जातिगत समीकरणों को पार्टी के पक्ष में करने के लिए वसुंधरा जी से आग्रह किया क्योंकि वो प्रदेश की राजनीति को समझती है और पार्टी की जिताने में अहम भूमिका निभाती रही है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर पार्टी संशय में है क्योंकि अजमेर और अलवर में सांसदों के निधन के बाद, उपचुनाव में ये सीटें कांग्रेस के पास चली गयी थी। वही बागियों की वजह से बाड़मेर और दौसा की सीटों पर भी चर्चा जारी है। राजसमंद के सांसद हरिओम सिंह राठौड़ जिनका स्वास्थ्य आजकल ख़राब रहता है, हो सकता है वो चुनाव ना लड़े। इसके अलावा भरतपुर, चूरू, झुंझुनू, जयपुर, सीकर, नागौर, बांसवाड़ा और करौली- धौलपुर की सीटों के लिए मजबूत प्रत्याशी ढूंढा जा सकता है। बची हुई 12 लोकसभा सीटों पर हो सकता है कि पुराने चेहरों पर फिर से दांव खेला जाये क्योंकि इन सीटों से या तो बीजेपी के बड़े नाम जुड़े हैं या फिर उनके साथ स्थानीय फैक्टर है। इन सीटों में है झालावाड़- बारां, कोटा- बूंदी, टोंक- सवाईमाधोपुर, जालोर- सिरोही, जयपुर ग्रामीण, बीकानेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर. पाली, उदयपुर और भीलवाड़ा। बताया जा रहा है कि प्रकाश जावड़ेकर ने वसुंधरा राजे से जो फ़ीडबैक लिया है उसे वह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दिखाएंगे।
वैसे तो अभी दोनों ही दलों में टिकट मंथन का दौर जारी है अब देखना होगा कि इतिहास अपने आप को दोहराता है या इतिहास में कुछ और नये पन्ने लिखे जायेंगे।