प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा शराब ठेकों के लाइसेंस के आवेदनों की तारीख बढ़ाए जाने के बाद सियासत गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे राजस्थान के गांधी कहलाते हैं, लेकिन इसके बावजूद शराब के व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं। आहूजा ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले शराब लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 फरवरी थी जिसे बढ़ाकर 1 मार्च कर दिया गया है। आवेदन की राशि 28 हजार रु (नॉन-रिफंडेबल) है। लेकिन सरकार आवेदन फीस से ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू वसूलने की जुगत में है। गहलोत सरकार किसानों की ऋण माफी के लिए धन एकत्रित करने के लिए शराब की दुकानों का लाइसेंस देने की अवधि बढ़ा रही है। इतना ही नहीं आहूजा ने कहा कि सरकार किसानों के कर्ज माफी का पैसा शराब लाइसेंस से मिलने वाली रकम से जुटाना चाहती है।
तिथि बढ़ने से शराब लाइसेंस आवेदन की संख्या में हुआ भारी इजाफा
लाइसेंस के लिए धरोहर राशि समाप्त करने तथा तिथि बढ़ाने के बाद से आवदेन की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। आबकारी विभाग द्वारा 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के लिए शराब लाइसेंस दिए जाएंगे। सभी जिला मुख्यालयों पर 5 मार्च को शराब लाइसेंस के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। लॉटरी निकलने के बाद जयपुर और जोधपुर के लिए लाइसेंस फीस 30 लाख रुपये वार्षिक तथा संभागीय मुख्यालय और माउंट आबू व जैसलमेर में लाइसेंस की फीस 25 लाख रुपये निर्धारित की गई है।