दिसम्बर माह में देश के पांच प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए। इन विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विजयी रथ को कांग्रेस रोकने में जरूर कामयाब रहीं, लेकिन कांग्रेस को कोई बड़ा बहुमत नहीं मिला। 2014 से 2018 तक बीजेपी देश के करीब 70 प्रतिशत भूभाग पर काबिज रही। लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ एक विधानसभा चुनाव हारा। लेकिन वर्ष 2018 के अंत में हुए पांच राज्यों के चुनाव में राजस्थान समेत तीन राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिली इस हार पर चिंतन भी हुआ। हार के कारणों का पता लगाकर पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।
जिन बूथों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, अब वहां फाेकस करेगी बीजेपी
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत राजस्थान भाजपा ने सभी जिलाध्यक्षों से जानकारी मांगी है। भाजपा जिलाअध्यक्ष पार्टी को विधानसभा चुनाव में बागियों और पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों उम्मीदवारों को कितने वोट प्राप्त हुए इस बारे में रिपोर्ट देंगे। प्रदेश भाजपा ने जिलाध्यक्षों से जानकारी मांगी है कि उनके जिले में बागी या पार्टी छोड़कर कौन-कौन चुनाव लड़ा और इन्हें हर बूथ पर कितने वोट मिले हैं।
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बीजेपी के सक्रिय होने को माना जा रहा है डेमेज कंट्रोल की रणनीति का हिस्सा
बीजेपी को हालिया विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छी बात यह है कि पार्टी की यह हार बहुत कम अंतर से हुयी है। हालांकि बीजेपी को अपने तीन बड़े राज्य गंवाने पड़े हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी के अचानक सक्रिय होने को डेमेज कंट्रोल की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी अब पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर लगाना चाहती है। इसलिए आम चुनाव से पहले यह फाेकस करने में लगी है कि पार्टी को किन बूथों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। किन बूथों पर पार्टी को कम वोट मिले हैं। इन बूथों पर पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए विशेष मेहनत करेगी।