राजस्थान के सरकारी स्कूल शिक्षा तंत्र को और बेहतर बनाने में अार्थिक रूप से सहयोेग करने वाले भामाशाहों को राज्य सरकार श्रेणीवार सम्मानित करेगी। दरअसल, सरकारी स्कूलों के विकास और सुविधाओं के लिए आर्थिक सहयोग करने वाले भामाशाहों को शिक्षा विभाग अब उनसे मिलने वाली धनराशि के अनुसार सम्मान देगा। इसके लिए पांच अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई है। जो भामाशाह जितनी धनराशि देगा, उसे संबंधित कैटेगरी में विशिष्ट उपाधि दी जाएगी। इस उपाधि के साथ शिक्षा विभाग अपनी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भी उन भामाशाहों का नाम दर्ज करेगा।
ज्ञान संकल्प पोर्टल व मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में शामिल होंगे भामाशाह
जानकारी के अनुसार, अब ज्ञान संकल्प पोर्टल व मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में भामाशाह को शामिल किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी शिवजी गौड़ ने बताया कि नए स्वरूप में भामाशाहों के सम्मान का नया फार्मूला तैयार किया है। उन्होंने कहा कि अब स्कूलों से जुड़कर उनकी आर्थिक मदद करने वाले भामाशाहों को जिले, राज्य और देश में एक विशेष पहचान मिलेगी। प्रत्येक स्कूल को यह रिकॉर्ड अपने पास रखना होगा कि किस स्कूल में भामाशाह ने कितना आर्थिक सहयोग किया है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गौड़ ने बताया कि सभी स्कूलों से भामाशाहों की सूची मांगी जाएगी, जिन्हें सहयोग राशि के संबंधित कैटेगरी के अनुसार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पद दर्शाया जाएगा।
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राजस्थान में बड़ी संख्या में भामाशाहों के सहयोग से राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। प्रदेश के भामाशाहों ने राजकीय विद्यालयों में खुले दिल से सहयोग किया। इसका परिणाम है कि आज सरकारी विद्यालय निजी विद्यालयों की बराबरी में सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे है। राजकीय विद्यालयों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होने से शिक्षा के स्तर में बड़ा सुधार आया है।