राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 2013 के मुकाबले कम संख्या में महिला विधायक चुनकर आई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल मिलाकर यह आंकड़ा 22 रहा है जबकि पिछले चुनाव में 28 महिलाएं विधायक के रूप में विधानसभा पहुंची थीं। हाल ही में राजस्थान की 15वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जहां कांग्रेस ने 27 महिलाओं को टिकट दिया। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 23 महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया। इनमें से कांग्रेस की 11 और भाजपा की 10 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। राजस्थान में 199 सीटों के लिए हुए चुनाव में 187 महिला प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन इनमें से सिर्फ 22 महिलाओं ने जीत हासिल की जो पिछले चुनाव से छह कम है। वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में 166 महिलाओं में से 28 महिलाओं ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने कुल 27 महिलाओं को उतारा था चुनावी मैदान में
इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 27 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर चुनाव से पहले बसपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया है, जहां कांग्रेस की ओर से महिला प्रत्याशी मैदान थी। इस कारण कांग्रेस की 26 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इनमें से 11 महिलाएं जीत दर्ज की है। कांग्रेस से बानसूर से शकुंतला रावत, बगरू से गंगादेवी, जायल से मंजू देवी, बामनवास से इंद्रा मीणा, जोधपुर से मनीषा पंवार, कामां से जाहिदा खान, किशनगंज से निर्मला सहरिया, ओसियां से दिव्या मदेरणा, सादुलपुर से कृष्णा पूनिया, शेरगढ़ से मीना कंवर और सिकराय से ममता भूपेश निर्वाचित हुयी है।
भाजपा से इस बार ये महिलाएं निर्वाचित हुयी है विधायक
भाजपा के टिकट पर झालरापाटन से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, अजमेर उत्तर से अनिता भदेल, अनूपगढ से संतोष बावरी, बीकानेर पूर्व से सिद्धि कुमारी, धौलपुर से शोभारानी कुशवाह, केशोरायपाटन से चंद्र कांता मेघवाल, लाडपुरा से कल्पना देवी, राजसमंद से किरण माहेश्वरी, सोजत से शोभा चौहान, सूरसागर से सूर्यकांता व्यास निर्वाचित की गईं हैं। पहली बार मेड़ता से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की महिला उम्मीदवार इंद्रा देवी विधायक निर्वाचित हुई हैं। इस प्रकार 2018 के चुनाव में कुल 22 महिलाएं विधानसभा पहुंची है।