राजस्थान की माननीय मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे एक नयी योजना की शुरूआत करने जा रही है। इसका नाम है राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना जिसकी शुरूआत इसी साल 2 जुलाई से होने जा रही है। इस योजना के तहत सभी सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को दूध पिलाया जाएगा। राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत प्रार्थना बैठक के बाद सप्ताह में 3 बार बच्चों को दूध पिलाया जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य
राजस्थान सरकार ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे उन छात्रों के नामांकन में वृद्धि, ड्रॉप-आउट को रोकने, और पौष्टिक स्तर को बढ़ाने के लिए मध्य-भोजन भोजन योजना के लिए राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है। छात्रों का इसके लिए, मिड डे मील के आयुक्त प्रति छात्र एक लीटर दूध की मात्रा दी जाएगी। राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन की ओर से दूध की सप्लाई की जाएगी।
राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना की खासियत
- राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत सप्ताह में 3 बार दूध प्रदान किया जाएगा
- योजना के तहत, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा। कक्षा 6 से 8 के छात्रों को 200 एमएल स्कूलों में दूध प्रदान किया जाएगा।
- यह योजना उन बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए है जो दूध नहीं ले सकते हैं। दूध वितरण स्कूल प्रबंधन समितियों के मार्गदर्शन में किया जाएगा।
- शहरी इलाकों में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार (MWF) को और ग्रामीण क्षेत्रों में मंगलवार, गुरुवार और शनिवार (TTS) को प्रार्थना बैठक के बाद दूध दिया जाएगा।
क्या है स्कूलों में बच्चों की स्थिति
राजस्थान में इस समय करीब 80 हजार सरकारी स्कूल है जिनमें एक अनुमान के अनुसार 85 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और मदरसे में पढ़ रहे बच्चों की संख्या तकरीबन 14 लाख है। योजना में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा जिन्होंने नए सत्र में प्रवेश लिया है।
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