राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को विधानसभा में राजस्थान वित्त विधेयक, 2018 एवं राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2018 पर हुई बहस के बाद जवाब प्रस्तुत करते हुए अतिरिक्त घोषणाएं की। मुख्यमंत्री राजे ने कृषि एवं गौपालन क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं करते हुए राज्य के 20 लाख से ज्यादा किसानों को बड़ी राहत दी है। बता दें, राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य सरकार ने किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफी की घोषणा की है। सीएम राजे के कर्ज माफ की घोषणा के बाद से ही प्रदेशभर के किसानों के घरों में खुशी छाई हुई हैं।
किसानों के 50,000 रूपये तक के कर्ज को एकबारगी माफ किया जाएगा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि लघु एवं सीमांत कृषकों के सहकारी बैंको के 30 सितम्बर, 2017 तक के आउटस्टेंडिंग अल्पकालीन फसली ऋण में से रूपये 50 हजार तक का कर्ज माफ किया जाएगा। इस घोषणा के साथ-साथ सहकारी बैंकों के अन्य काश्तकारों को भी 50 हजार रूपये तक के आउटस्टेंडिंग अल्पकालीन फसली ऋण को लघु काश्तकारों के लिए निर्धारित कृषि जोत के अनुपात में ऋण को एकबारगी माफ किया जाएगा। इससे पहले सीएम राजे ने सितंबर 2017 में किसानों की सभी 13 सूत्रीय मांगों को मान लिया था। प्रदेशभर के किसानों की 50 हजार रूपये तक की कर्ज माफी के लिए मुख्यमंत्री ने एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बीकानेर जिले की डूंगरगढ़ तहसील के ग्राम नापासर में 5 करोड़ रूपये की लागत से गौ-अभ्यारण्य स्थापित किया जाएगा।
Read More: राजस्थान: आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्मिकों के मानदेय में 37 प्रतिशत तक की वृद्धि
पांच करोड रूपये की लागत से ‘कदम्ब कुंज वन’ किया जाएगा विकसित
मुख्यमंत्री राजे ने विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि पांच करोड रूपये की लागत से मांढेरा रूंध के घास बीड क्षेत्र को ‘कदम्ब कुंज वन’ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वहां कदम्ब, गूलर, पीपल, बड़, जामुन, नीम आदि के पौधे लगाए जाएंगे। रोटेशनल ग्रेजिंग के लिए चारागाह विकास तथा मृदा एवं जल संरक्षण के कार्य से मवेशियों हेतु निःशुल्क चारा उपलब्ध हो सकेगा। सीएम राजे ने जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध नागौर कृषि महाविद्यालय में फूड टेक्नोलॉजी का पृथक विभाग खोलने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विभिन्न पदों तथा आवर्ती खर्च पर लगभग 1 करोड़ 35 लाख रूपये प्रति वर्ष का व्यय होगा।