देश में धीमा जहर डायन बनकर युवाओं को मौत के आगोश में लगातार ले रहा है। हर साल इससे परिवार के परिवार तबाह हो रहे हैं। शौक से शुरू होकर ये कब आदत बन जाता है और कब मौत, इसका अंदाजा किसी को नहीं होता।
प्रत्येक साल देश में 10 लाख लोगों की मौतें हो रही है। राजस्थान में भी आंकड़ा हर साल 72 हजार मौतों का है। एक मौत से परिवार बर्बाद हो रहा है, तो दूसरी तरफ परिवार के कारण समाज तबाह हो रहा है। जीं हां, हम बात कर रहे हैं तम्बाकू की, जिसके सेवन की लत जिंदगी को तबाह कर रही है।
एक अध्ययन के अनुसार, हमारे देश में दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा मौतें तम्बाकू से होने वाले रोगों से हो रही हैं। इससे मुंह, गले, नाक, आहार नली, आंत, मलाशय, फेफड़े, लीवर और स्किन का कैंसर हो रहा है और कैंसर होने का 90 फीसदी कारण तम्बाकू ही है।
राजस्थान में 48 फीसदी लोग करतें हैं तंबाकू सेवन, 20 फीसदी महिलाएं भी
तम्बाकू के कारण देश और प्रदेश में मौतों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। देश में उत्तरप्रदेश के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा तम्बाकू का सेवन किया जाता है। एक आंकड़े के अनुसार, देश में 35 फीसदी लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं तो राजस्थान में लगभग 48 फीसदी लोग तम्बाकू की गिरफ्त हैं। इनमें 20 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं।
कैंसर ही नही दूसरी बीमारियों की जद में लेता हैं तंबाकू
चिकित्सकों के अनुसार, तम्बाकू से सिर्फ कैंसर ही नहीं होता है बल्कि अन्य बीमारियां भी होती हैं। इसके सेवन से परिवार के अन्य सदस्यों पर भी प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि पैसिव कैंसर मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है, जिसके चलते जीन भी खराब हो जाते हैं। साथ ही तम्बाकू नपुसंकता का भी बड़ा कारण बनता जा रहा है। लेकिन, इसके बावजूद भी आलम ये है कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल समेत सभी जगहों पर तम्बाकू सहज ही उपलब्ध है।
600 करोड़ का राजस्व मिलता हैं प्रदेश सरकार को
तम्बाकू पर राजस्थान सरकार को करीब साढ़े 600 करोड़ रूपयों का राजस्व प्राप्त होता है, जबकि बीमारियों पर एक हजार करोड़ रूपयों से ज्यादा खर्च किया जाता है। यानि किसी भी तौर पर तम्बाकू फायदे का सौदा नहीं है।
इन बातों पर भी दे ध्यान
तंबाकू में 28 किस्म के कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं। तंबाकू से ल्यूकोप्लाकिया का रिस्क अधिक रहता है। जिसमें दांत और मसूड़े तेजी से सड़ते हैं। मुंह के कैंसर का यह बहुत बड़ा कारण है। गले का कैंसर का रिस्क अधिक रहता है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन हार्ट रेट और बीपी बढ़ा देता है। इससे दिल के रोगों की आशंका अधिक रहती है। भोजन करने की इच्छा खत्म कर देता है।
राजस्थान में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की खास बातें
सरकारी नौकरी में नियुक्ति से पहले तंबाकू सेवन का शपथ पत्र, शिक्षण संस्थानों को टोबेको फ्री बनाना, हर माह के अंतिम दिन तंबाकू निषेध दिवस पर कोटपा एक्ट की पालना नही करने पर विक्रेताओं को समझाइस , पुलिस विभाग के पास चालान काटने की रसीद, नेशलन प्रोग्राम के अंतर्गत प्रकोष्ठ स्थापित तथा सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता मे कमेटी का गठन करना। पिछले साल तंबाकू उत्पादों पर सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी नियमानुसार नही करने पर 45 करोड़ रुपए का सामान जब्त किया गया। फिलहाल कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।