अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना पाने वाला राजस्थान सरकार का मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान प्रदेश के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है। खासकर ग्रामीण राजस्थान में पानी की कमी से जुझ रहे लोगों को इस अभियान ने बड़ी राहत प्रदान की है। एमजेएसए के तहत हुए कार्यों से प्रदेश में भूजल स्तर में सुधार हुआ है। एमजेएस के दो चरण सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुके हैं। तीसरा चरण समाप्ति के अंतिम दौर में है। राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तीसरे चरण में 70 प्रतिशत जल संरक्षण के कार्य पूर्ण हो गए है। वेदिरे ने बुधवार को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
तीसरे चरण का बाकी कार्य 30 जून तक पूरा करने के दिए निर्देश
एमजेएसए की समीक्षा बैठक में राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने ने प्रगतिरत कार्यों को 30 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अभियान के चतुर्थ चरण की तैयारी के लिए प्री-सर्वे का कार्य अतिशीघ्र पूरा करने के भी निर्देश दिए। वेदिरे ने बताया कि चतुर्थ चरण का सर्वे सेटेलाइट एवं ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रभावी मानिटरिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।
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एमजेएसए की प्रगति की समीक्षा बैठक में ये भी रहे उपस्थित
एमजेएसए की प्रगति की समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वन विभाग कुलदीप रांका, शासन सचिव पंचायती राज कुंजीलाल मीना, संभागीय आयुक्त जयपुर टी. रविकान्त, आयुक्त कृषि विकास सीताराम भाल, आयुक्त नदी बेसिन प्राधिकरण एम.एस. काला, आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा पी.सी. किसन, आयुक्त जल ग्रहण विकास एवं भूसंरक्षण अनुराग भारद्वाज सहित संबंधित संभागों के नोडल अधिकारी शामिल थे।