वसुंधरा राजे सरकार ने राज्य में करीब 20 हजार विद्यार्थी मित्रों के हित में बड़ी राहत देने वाला निर्णय लिया है। दरअसल, राजस्थान सरकार राज्य में कार्यरत विद्यार्थी मित्रों को अब ग्राम सहायक के रूप में समायोजित करने जा रही है। विधानसभा में पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेशभर के विद्यार्थी मित्रों को अभियान चलाकर ग्राम सहायक के रूप में समायोजित करने का काम किया जाएगा। मंत्री राठौड ने विधानसभा शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि वर्तमान में 19 हजार 687 विद्यार्थी मित्र ग्राम सहायक के रूप में काम कर रहे है।
राजे सरकार ने विद्यार्थी मित्रों के लिए कटारिया समिति का किया था गठन
पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि 2013 में 25 हजार 420 विद्यार्थी मित्र नियमित करने की मांग को लेकर न्यायालय में गए थे। न्यायालय ने अपने आदेश में 21 अक्टूबर, 2013 को विद्यार्थी मित्र योजना को ही असंवैधानिक करार दिया था। बता दें, इसके पश्चात् यह मामला सर्वोच्च न्यायालय मंच चला गया एवं वहां भी विद्यार्थी मित्रों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया गया। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राठौड़ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा इन विद्यार्थी मित्रों को राहत देने के लिए कटारिया समिति का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर ग्राम सहायक के रूप में इन विद्यार्थी मित्रों को समायोजित किया गया है।
Read More: इस बार मैजिक कलर से खेलें होली, लगाने के कुछ मिनट बाद हो जाएगा काफूर
विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति ने ग्राम सहायक के रूप में चयन किया
मंत्री राठौड़ ने बताया कि गांवों में मॉडल विद्यालय बनने के बाद नामांकनों तेजी आई है। उन्होंने कहा कि काम की अधिकता को देखते हुए विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति ने विद्यार्थी मित्रों को ग्राम सहायक के रूप में चयन किया है। मंत्री राठौड़ ने कहा कि इस मामले में विभिन्न न्यायिक विवाद सामने आए जिसकी वजह से चयन की प्रक्रिया बीच में ही रूक गई। उन्होंने कहा कि अनिता विश्नोई बनाम राजस्थान सरकार केस में न्यायालय द्वारा दिया गया स्टे अब समाप्त हो चुका है। मंत्री राठौड़ ने कहा कि अब बाकी के विद्यार्थी मित्रों को भी अतिशीघ्र समायोजित किया जाएगा।